नई दिल्ली, 30 दिसम्बर = तकरीबन 13 लाख की तादाद वाली थल सेना और करीब डेढ़ लाख कर्मियों की वायुसेना को शनिवार को ‘नए प्रमुख’ मिल जाएंगे। थलसेना की कमान लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत को मिलेगी और वायुसेना की कमान एयर मार्शल बीएस धनोवा को। मौजूदा थलसेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा शुक्रवार को सेवानिवृत हो जाएंगे।
आम तौर पर सेना में ऐसी परंपरा रही है कि सेना प्रमुख बनाते वक्त वरिष्ठता ही पैमाना होता है, लेकिन थलसेना में ऐसा दूसरी बार हुआ जब वरिष्ठता को नजरअंदाज कर किसी जूनियर को सेना प्रमुख बनाया जा रहा है। थलसेना प्रमुख बनने जा रहे लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत से सीनियर लफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हरिज हैं।
अब देखना होगा कि जब शनिवार को इन दोनों से जूनियर अधिकारी को सेना प्रमुख बनाया जाता है तो क्या ये अपने जूनियर अधिकारी के मातहत काम करना पसंद करेंगे या फिर अपने पद से इस्तीफा देंगे। फिलहाल लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी पूर्वी कमान के प्रमुख हैं और लफ्टिनेंट जनरल हरिज दक्षिण कमान के प्रमुख हैं।
हालांकि सरकार का तर्क है कि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति में मेरिट और काबिलियत को ध्यान में रखा गया जो मौजूदा चुनौतियों का सामना करने में बेहतर तरीके से सक्षम हैं। अब दुनिया के ज्यादातर देशों की पेशेवर सेनाओं में वरिष्ठता के बजाए प्रोफेशनलिज्म को ध्यान में रखा जाता है बात चाहे अमेरिका की हो या फिर चीन की।