बोडोलैंड की मांग को लेकर रामलीला मैदान में प्रदर्शन
नई दिल्ली, 28 नवम्बर (हि.स.)। असम में अलग बोडोलैंड राज्य की मांग जोर पकड़ती जा रही है। इसकी आंच आज दिल्ली के रामलीला मैदान तक पहुंच गई है।
अलग बोडोलैंड राज्य गठित करने की मांग को लेकर ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड प्रोग्रेसिव (एनडीएफबीपी) और पीपुल्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी फॉर बोडोलैंड मूवमेंट (पीजेएसीबीएम) कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया।
ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन(एबीएसयू) के अध्यक्ष प्रमोद बोडो के अनुसार ये प्रदर्शकारी केंद्र से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2 व 3 के तहत अलग राज्य के उनके दावे पर विचार करने का अनुरोध कर रहे हैं। साथ ही प्रस्तावित बोडोलैंड के लिए असम में रह रहे बोडो लोगों के राजनीतिक अधिकार सुनिश्चित करने की भी मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। इन लोगों ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने वी वांट बोडोलैंड, नो बोडोलैंड नो रेस्ट के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि असम को दो हिस्सों में बांटा जाए।
प्रमोद बोडो ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि ये प्रदर्शकारी बुधवार को बोडोलैंड की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली के राजघाट से संसद मार्ग तक पैदल मार्च करेंगे। इससे पहले 8 अगस्त को अलग बोडोलैंड राज्य गठित करने की मांग को लेकर इन संगठनों ने ब्लड सिग्नेचर कैंपेन शुरू किया था। अब तक पांच लाख लोगों ने अपने खून से हस्ताक्षर कर समर्थन दिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अलग बोडोलैंड राज्य की मांग पर विचार का आश्वासन दिया था। पिछले साल असम में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने भी अलग बोडोलैंड राज्य की मांग का समर्थन किया था। भाजपा को सत्ता में आए एक साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अलग बोडोलैंड राज्य की मांग पूरी नहीं हो पाई है।