बीसीसीआई के खिलाफ कानूनी सहारा लेगा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड
कराची, 25 जुलाई : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज़ खेलने की अपनी प्रतिबद्धताओं से हटने पर कानूनी सहारा लेने की रणनीति तैयार की है। बतादें कि 2014 में दोनों बोर्डों ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि 2015 से लेकर 2023 के बीच दोनों देश छह द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेलेंगे। जिनमें से चार की मेजबानी पाकिस्तान करेगा।
बीसीसीआई ने रिश्तों को फिर से शुरू करने के लिए पाकिस्तान के अनुरोध को बार-बार ठुकराया है। पीसीबी चाहता है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड समझौता ज्ञापन के तहत अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करें, जिसे भारत सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। इस द्विपक्षीय श्रृंखला से पाकिस्तान को भारी राजस्व अर्जित करने की उम्मीद की थी, लेकिन दोनों देशों के बीच बार्डर पर तनाव के कारण बीसीसीआई ने श्रृंखला खेलने से इनकार कर दिया, जिससे पीसीबी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।
इस साल की शुरुआत में बीसीसीआई ने एमओयू का सम्मान नहीं करने के एवज में पीसीबी द्वारा मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि समझौता ज्ञापन बाध्यकारी नहीं था। इसके अलावा बीसीसीआई ने पाकिस्तान में सुरक्षा समस्याओं का मुद्दा भी उठाया था। कानूनी लड़ाई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के विवाद प्रस्ताव समिति के सामने होगी। यदि पीसीबी की नहीं सुनी गई तो सेक पीसीबी आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत के खिलाफ न खेलने के विकल्प का लाभ उठा सकता है। इसी वर्ष मई में पीसीबी ने बीसीसीआई को एक समझौता ज्ञापन भेजा था, जिसके तहत एमओयू का सम्मान नहीं किया गया था। पीसीबी ने बीसीसीआई से 60 मिलियन अमरीकी डालर के करीब मुआवजे की भी मांग की थी, जब एन श्रीनिवासन भारतीय बोर्ड के अध्यक्ष थे।