नई दिल्ली, 27 जनवरी= दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव बनकर झारखण्ड के एक मंत्री से चुनावी चंदा मांगने वाले एक युवक और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपी संजय तिवारी के खिलाफ पहले भी उगाही के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में उसने सांसद या मंत्रियों से उगाही की है। आरोपियों के पास से उगाही में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन पुलिस ने बरामद किए हैं।
संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव के अनुसार बीते 24 जनवरी को झारखण्ड के राजस्व मंत्री के निजी सचिव अमर कुमार बौरी ने क्राइम ब्रांच को शिकायत की। उन्होंने बताया कि कोई शख्स खुद को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव राम माधव बताकर बीते तीन दिनों से मंत्री को फोन कर रहा है। वह उनसे चुनाव के लिए चंदा मांग रहा है। बीते 23 जनवरी को उसने एक युवक को मंत्री से मिलने के लिए झारखंड भवन में भेजा, जिसने वहां पहुंचकर चंदा मांगा। मंत्री ने जब इस बारे में राम माधव के आँफिस से संपर्क किया तो पता चला कि उनकी तरफ से ऐसे किसी शख्स को नहीं भेजा गया है। उनके आँफिस से चंदे के लिए भी कभी फोन भी नहीं किया गया। इससे यह साफ हो गया कि कोई ठग उनसे रुपये ऐंठने की कोशिश कर रहा है।
इस शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की। पुलिस टीम ने इस तरह से वारदात करने वाले गिरोहों के बारे में जांच की तो संजय तिवारी का नाम सामने आया। बीते बुधवार को इंस्पेक्टर सुनील की देखरेख में एसआई नीरज और विजय की टीम ने आईटीओ से संजय को उसके साथी गौरव के साथ दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि पूर्व सरकार के समय वह आसानी से मंत्रालय में लोगों के काम करवा कर रुपये कमाता था। लेकिन नई सरकार आने के बाद से उसके काम नहीं हो रहा था। इसलिए वह नेताओं को फोन कर उनसे रुपये उगाह रहा था।
अक्तूबर 2016 में भी हुआ था गिरफ्तार…….
आरोपी संजय तिवारी को तीन माह पूर्व भी क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। उस समय संजय ने आरकेपुरम से भाजपा के विधायक रहे अनिल शर्मा को फ़ोन कर आरएसएस द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में सहयोग देने के लिए कहा था। इस फोन के दौरान उसने खुद को भैयाजी जोशी बताया था। इस मामले में जब वह जमानत पर बाहर आया तो एक बार फिर उगाही करने लगा।
फोन करने से पहले खोजबीन…….
आरोपी संजय तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह अपने शिकार को फोन करने से पूर्व उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाता है। वह हमेशा खुद को भाजपा या कांग्रेस का ही पदाधिकारी बताता है। इसके बाद वह अपने शिकार को चुनाव के लिए टिकट तो कभी पार्टी में ऊंचा पद दिलाने के नाम पर उनसे उगाही करता है। आरोपी हमेशा सतर्क रहता था। इसलिए वह कभी भी उगाही की रकम लेने के लिए खुद नहीं जाता था। रुपये लाने के लिए वह दोस्त गौरव शर्मा या अन्य शख्स को भेजता था। इस काम के लिए उस युवक को कुछ रुपये दिए जाते थे।
दसवीं कक्षा तक पढ़ा है आरोपी…..
गिरफ्तार किया गया संजय मूलत: फिरोजाबाद का रहने वाला है। वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है। वर्ष 1999 में वह दिल्ली आया और आल इंडिया रेडियो पर कविता पढ़ने लगा। इसके बाद उसने अखबार व टीवी चैनल के लिए काम किया। उस दौरान एलपीजी सिलेंडर ठेकेदारों के स्टिंग कर उनसे मोटी रकम वसूलने लगा। इस मामले में उसे पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। उसने पत्रकार तरुण तेजपाल और निदेशक तनुजा चंद्रा के साथ भी काम किया है।