पटना, सनाउल हक़ चंचल, स्टेट हेड :बिहार में राजद बड़े भाई की भूमिका में तो एनडीए में जदयू बड़ा होकर भी भाजपा के सामने दिख रहा बौना
पटना : सूबे में मार्च में होनेवाले उपचुनाव को लेकर तस्वीर थोड़ी साफ होने लगी है। यूपीए बिहार में बड़े भाई की भूमिका में राजद ने दो सीटें ली तो एक सीट कांग्रेस कको दे दिया है। लेकिन एनडीए में स्थिति इसके उलट है, यहां बिहार में जदयू बड़े भाई की भूमिका में है और उसने पहले ही उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने की बात कह गेंद भाजपा के पाले में डाल दी थी कि वह अन्य सहयोगी रालोसपा व हम जैसी पार्टियों से निबटे। हालांकि हम के जीतन राम मांझी ने जहानाबाद की सीट को लेकर अपनी जिच खत्म कर दी है.
लेकिन रालोसपा वहां से अपना प्रत्याशी अभी भी उतारने के मूड में है। बिहार में अररिया, जहानाबाद और भभुआ सीट पर होने वाले चुनावों को लेकर राजनीति में जमकर रस्सा-कस्सी जारी है। राजद ने कांग्रेस को भभुआ सीट देकर मामले का पटाक्षेप कर दिया है तो एनडीए में अभी भी मामला उलझा हुआ है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र राम ने कहा है कि जदयू बिहार में अपनी डांवाडोल स्थिति को देख पहले ही मैदान से हटने की घोषणा कर दी थी, यहां भाजपा छोटा भाई नहीं बल्कि बड़ा भाई बन गया है और तीन में से एक ही सीट जदयू को देने की बात कह रही है।
शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने जीतन राम मांझी के मानने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जहानाबाद सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने का आग्रह किया। राजधानी के राजनीतिक हल्के में हो रही चर्चा को मानें तो एनडीए की तरफ से भाजपा ने अररिया से प्रदीप यादव और कैमूर से रिंकी रानी पांडेय को उतारने का फैसला किया है और जहानाबाद सीट जदयू को दी जाएगी, जिसके लिए अभिराम शर्मा का नाम उछल रहा है। जहानाबाद सीट को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टी हम(हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) और रालोसपा(राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) अपनी दावेदारी ठोक रही थी। इसके बाद हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने अपनी दावेदारी वापिस लेकर भाजपा के समर्थन का ऐलान किया।