पटना,सनाउल हक़ चंचल
पटना : सोमवार से 24 घंटे में वाहनों की नंबर प्लेट मिलने लगेगी. इसके लिए पिछले दो महीने से जिला परिवहन कार्यालय तैयारी कर रही थी. उसने शहर के 32 में से 26 वाहन डीलरों को एक विशेष पासवर्ड आईडी दिया है. इसके माध्यम से वे डीटीओ की वेबसाइट से सीधे लॉग इन हो सकेंगे.
वाहनों की बिक्री होने के साथ ही वेबसाइट के माध्यम से डीलर प्वाइंट से भरा हुआ पंजीकरण फॉर्म और परिवहन विभाग के खाते में ई-पेमेंट के माध्यम से सरकारी राजस्व आ जायेगा. इसी के साथ आवेदन की प्रोसेसिंग शुरू हो जायेगी और अगले 24 घंटे के भीतर वाहन का नंबर जेनरेट हो जायेगा. अॉनलाइन ही इसे डीलर को भेज दिया जायेगा.
डीलर प्वाइंट से हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट वाली एजेंसी को यह नंबर भेज दिया जायेगा, जो अगले दो दिनों में नंबर प्लेट बना कर डीलर प्वाइंट पर खड़ी गाड़ी में लगा देगा. बुकिंग के तीन दिनों बाद ग्राहक को डीलर प्वाइंट पर ही हाई सेक्युरिटी नंबर प्लेट लगी गाड़ी उपलब्ध होगी.
अब तक इस्तेमाल में आ रहे ऑफ लाइन प्रक्रिया में स्थायी वाहन पंजीकरण और नंबर पाने में दो से तीन महीने का समय लगता है. वाहन बिक्री के बाद का 30 दिन का समय स्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन देने के लिए निर्धारित है. एक साथ कई आवेदन देने के क्रम में 28-29 दिन बीतने के बाद ही डीलर इसके लिए आवेदन देते हैं.
बचेगा अस्थायी पंजीकरण का खर्च : स्थायी पंजीकरण व नंबर के आवंटन में देरी होने के कारण अब तक अस्थायी पंजीकरण पर डीलर प्वाइंट से वाहनों को ले जाने का चलन रहा है. इसके लिए अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ता है. 24 घंटे में स्थायी रजिस्ट्रेशन और नंबर आवंटन शुरू होने से वाहन खरीदने वाला व्यक्ति इससे भी बच जायेगा.
ऑफलाइन पंजीकरण में कई बार सरकार को रोड टैक्स और परमिट शुल्क के रूप में दी जाने वाली राशि का नुकसान हो जाता है क्योंकि डीलर वाहन खरीदने वालों से इसे वसूल लेते हैं, लेकिन बाद में उसे सरकारी खाते में जमा नहीं करवाते. ऑनलाइन पंजीकरण में तत्क्षण ई-पेमेंट की व्यवस्था होने से यह नुकसान भी खत्म हो जायेगा.
पटना में इस समय 32 प्राइवेट डीलर है जो दो पहिए, तीन पहिए और चारपहिए वाहन बेेचते हैं. इनमें से छह डीलरों को परिवहन विभाग ने पासवर्ड आईडी नहीं दिया, क्योंकि उन पर गड़बड़ी के आरोप थे. बेदाग 26 डीलरों को ही अभी डीटीओ ने पासवर्ड आईडी दिया है.