बायोमैट्रिक्स प्रणाली से राशन का वितरण करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान !
जयपुर,12 अप्रेल, 2017:= राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है जहां बायोमैट्रिक्स प्रणाली से सभी प्रकार के राशन का वितरण किया जा रहा है।
राजस्थान सरकार ने राशन वितरण में भ्रष्टाचार को रोकने और जरुरत मंदों तक सही ढंग से राशन पहुचाने के लिए बायोमैट्रिक्स प्रणाली से राशन वितरण करने का फैसला किया है .और यह काम शुरू भी हो गया है. जिसे लेकर राजस्थान सरकार का कहना है कि हमारे राज्य में गेहूं,केरोसिन चीनी अंगूठे से सत्यापन के बाद ही उपभोक्ता को दी जा रही है। ऐसा देश के किसी भी राज्य में नहीं है। केवल आंध्रा में गेहूं का वितरण राशन धारक को प्वाइंट ऑफ सैल(पोस)मशीनों से किया जा रहा है। इसके अलावा किसी भी राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इतनी जबरदस्त पारदर्शी व्यवस्था नहीं। अप्रैल माह में प्रदेश में करीब सवा करोड़ ट्रांजेक्शन से 1.34 करोड़ किलो रसद सामग्री वितरित की गई है। मौजूदा समय में 2 करोड़ 7 हजार 676 उपभोक्ता है और प्रदेश में कुल 26 हजार राशन की दुकानें हैं। इनमें पोस मशीनों से वितरण हो रहा है। कुछ जगह पर नेटवर्क को छोड़ दे तो कोई समस्या नहीं। केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्य के इस बेहतरीन काम को देखते हुए कंज्यूमर फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड दिया है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के 7 अप्रैल तक के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में कुल 1 करोड़ 34 लाख 7 हजार 55 किलो गेहूं,शक्कर केरोसिन आवंटित किया गया। इनमें 74.09 लाख किलो गेहूं,19.32 लाख किलो शक्कर 41.28 लाख लीटर केरोसिन उपभोक्ताओं को बायोमैट्रिक मशीन से अंगूठा मैच करने के बाद ही दिया गया। इनमें 7 संभागीय मुख्यालयों में अजमेर में 2.65 लाख किलो गेहूं,43 हजार किलो शुगर,1.11 लीटर केरोसिन,भरतपुर में 2.25 लाख किलो गेहूं,59 हजार किलो शुगर,2.26 लाख लीटर केरोसिन,बीकानेर में 2.13 लाख किलो गेहूं,86 हजार किलो शुगर,1.41 लीटर केरोसिन,जयपुर में 4.93 लाख किलो गेहूं,67 हजार किलो शुगर 1.85 लीटर केरोसिन वितरण किया गया।
दो करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता
प्रदेशमें अभी दो करोड़ 27 हजार 855 उपभोक्ता है। इनमें जयपुर में 18.88 लाख,जोधपुर में 9.69 लाख,उदयपुर में 8.63 लाख,अजमेर में 8.83 लाख,बीकानेर में 6.48 लाख,कोटा में 5.97 लाख और भरतपुर में 7.24 लाख उपभोक्ता है।
26 हजार दुकानेंं,135 लोकेशन पर नेट प्रोब्लम
प्रदेशमें 26 हजार उचित मूल्य की दुकाने हैं। इनमें बायोमैट्रिक मशीनें कार्यरत है। प्रत्येक दुकान में एक पोस मशीन लगी है। करीब 135 जगहों पर नेट की समस्या है।
90 प्रतिशत लीकेज कम हुआ
देश के हम पहले राज्य है जो पोस मशीनों से सभी रसद सामग्री दे रहे हैं। केवल आंध्र प्रदेश में बायोमैट्रिक मशीन से गेहूं दिया जा रहा है। इसका इंपैक्ट भी गजब आया है। करीब 90 प्रतिशत रसद सामग्री का लीकेज कम हो गया है। हकदार को ही उसका हक मिल रहा है। सीएम के विजन वाला पारदर्शी तरीका कारगर रहा। डॉ.सुबोध अग्रवाल,प्रमुख शासन सचिव,खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
लाखों फर्जी उपभोक्ताओं को पकड़ा
प्रदेशमें खाद्य सुरक्षा योजना के साथ फर्जी राशन कार्ड धारकों का पता लगाया गया। खाद्य सुरक्षा के तहत 1.20 करोड़ यूनिट एक्स्ट्रा जुड़ी हुई थी। इसे सही किया गया। वहीं,विभाग ने प्रदेश में डिजिटल राशन कार्ड बनाने के साथ डुप्लीकेट राशन कार्ड पकड़े,ताकि राशन वितरण सही हो सके। करीब 14 लाख डुप्लीकेट राशन पकड़ने के बाद 13 लाख निरस्त कर दिए।
ढाई साल में डेढ़ करोड़ डिजिटल राशन बनाए
प्रदेश में डिजिटल राशन कार्ड बनाने का काम पहले मंथर गति से चला। जनवरी 2014 तक 25 प्रतिशत राशन डिजिटल हो पाए थे,लेकिन बाद में इसमें जोर पकड़ा। अब इनकी संख्या 2 करोड़ पार हो गई है। प्रदेश में 26 हजार पीओ एस मशीनों का वितरण करा चालू कराई। इसको लेकर डीलरों ने पहले हाथ खींचे थे।
राजस्थान को केंद्र ने दिया कंज्यूमर फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड
केंद्रने हाल ही में राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव डॉ.सुबोध अग्रवाल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बेहतरीन काम करने पर कंज्यूमर स्टेट का अवार्ड दिया है। जिसे सीएम वसुंधरा राजे को सौंपा गया है। इस सिस्टम को बनाने में सीएम के विजन और फोकस का अहम रोल रहा है।