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बवाना उपचुनाव: एक बजे तक तक मतदान प्रतिशत पहुंचा 27.31

नई दिल्ली, 23 अगस्त : बवाना विधानसभा सीट के लिए चल रहे उपचुनाव के दौरान दोपहर 1 बजे तक मतदान का प्रतिशत 27.31 पहुंच गया है। इससे पहले 11 बजे तक मदतान का प्रतिशत 17 रहा जबकि 9 बजे तक यह आंकड़ा 5.7 प्रतिशत रहा। कई केन्द्रों पर पहले घंटे में मतदान की शुरूआत धीमी रही लेकिन फिर पेलिंग बूथ पर मतदाताओं की लंबी कतारे दिखने लगी। मौसम सुहावना होने के कारण फिलहाल लोग काफी संख्या में मतदान करने आ रहे हैं।

हालांकि इस दौरान कई मतदान केन्द्रों से इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खराब होने तथा कुछ मतदान केन्द्रों से मतदाताओं के वोट शिफ्ट होने के मामले भी सामने आये। जिसके चलते मतदाताओं को अन्य केन्द्रों पर भेजे जाने की शिकायतें मिली। मतदान शुरू होते ही बूथ संख्या 143, 144 तथा 151 से ईवीएम में तकनीकी गड़बडी के सामने आये। हालांकि मौजूद अधिकारियों ने तकनीकी गड़बड़ियों को कुछ देर बाद ही सही कर लिया। बूथ संख्या 285 पर मतदान करने आये लोगों को चुनाव अधिकारियों ने यह कहकर अन्य मतदान केन्द्रों पर भेज दिया कि उनके वोट अन्य केन्द्रों पर पर शिफ्ट हो गये हैं। जबकि बवाना जेजे कॉलोनी में कुछ लोगों ने अपना नाम मतदाता सूची में न होने की शिकायत की। लोगों के अनुसार जान-बूझकर उनके नाम सूची से हटाये गये हैं। इस दौरान आप उम्मीदवार रामचन्द्र ने बूथ संख्या 151 पर अपना वोट डाला।

गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले यहां से आप के विधायक वेद प्रकाश इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी वजह से इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आई है। उपचुनाव में भाजपा की ओर से वेदप्रकाश, कांग्रेस की ओर से सुरेंद्र कुमार और आप की ओर से रामचन्द्र सहित कुल 8 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां करीब दो लाख 94 हजार मतदाता हैं। हालांकि आप के पास दिल्ली विधानसभा में पूर्ण बहुमत है लेकिन नगर निगम चुनाव, राजौरी गार्डन विधानसभा सीट के उपचुनाव और पंजाब-गोवा में उम्मीद के मुताबिक नतीजे न आने से निराशा का सामना कर रही पार्टी इस सीट पर हर हाल में जीत दर्ज करके कार्यकर्ताओं में जोश भरना चाहती है।

उधर 70 सदस्यीय विधानसभा में केवल 4 विधायकों वाली भाजपा को उम्मीद है कि पिछले काफी समय से चल रहा उसका विजयी अभियान बवाना सीट पर भी कायम रहेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में पूरी तरह साफ हो चुकी कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव अहम का सवाल बना हुआ है। इस सीट को जीतकर वह भी असेंबली में अपना खाता खोलना चाहती है।

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