नई दिल्ली, 01 फरवरी = स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आम बजट पेश करने के बाद कहा कि किसानों को बैंक से 10 लाख करोड़ लोन के आबंटन की बात तो वित्तमंत्री ने की, परन्तु सरकार की तरफ से कोई रियायत नहीं दी गई। यह बजट किसानों के साथ धोखा मात्र है।
योगेन्द्र यादव ने बुधवार को कहा, बजट पर चर्चा करना केवल बड़े लोगों का अधिकार नहीं है। कृषि बजट किसानों के लिए होता है तो किसानों की राय ज्दाया जरूरी है। फसल खराब हो तो किसान पर मार तो पड़ती ही है, लेकिन फसल अच्छी हो जाए तो किसान पर मार जरूर पड़ती है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि स्वराज अभियान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मनरेगा के तहत जितनी रकम तय की थी, उसी रकम का आबंटन मात्र किया गया। उन्होंने कहा 125 करोड़ की जनता को भोजन पहुंचाने का भार केवल किसानों पर नहीं हो बल्कि पूरे देश को इसका बोझ आपस में बांटना चाहिए।
योगेंद्र यादव ने कहा, ‘फसल बीमा योजना में लगभग 24 प्रतिशत कवरेज हुई है। जेटली जी गलत बोल रहे हैं कि कवरेज 40 प्रतिशत हुई है।’
दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों के लिए प्रदर्शन कर रहे स्वराज अभियान ने कहा, भारत में किसान जैव विविधता के सबसे बड़े रक्षक थे।
जैव विवधता की रक्षा करनी है तो कृषि को बढ़ावा देना जरूरी है। 125 करोड़ की जनता को भोजन पहुंचाने का भार केवल किसानों पर नहीं हो बल्कि पूरे देश को इसका बोझ आपस में बांटना चाहिए। योगेंद्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘कृषि विश्वविधालय खेल के मैदान हो गए हैं। इसे बदलने की जररूत है।’