चंडीगढ़, 04 जनवरी = राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों को और अधिक आकर्षित बनाने और सभी सुविधाओं से युक्त बनाने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी सहयोग कार्यक्रम के तहत ‘हमारी फुलवारी’ योजना तैयार की गई है ताकि मॉ-बाप अपने छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों में भेजते हुए गर्व महसूस करें।
बुधवार को हरियाणा सरकार की मंत्री कविता जैन ने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 2015 के दौरान 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की पोषण की स्थिति में अधिकतम सुधार के लिए पंचकूला, जीन्द, नारनौल और मेवात जिलों को जिला स्तरीय पोषण पुरस्कार दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वर्ण जयन्ती वर्ष के दौरान महिलाओं तथा बच्चों से सम्बन्धित 5 नई योजनाएं शुरू की जायेंगीं। जिनमें स्वर्ण जयन्ती बाल आहार उत्पादन केन्द्र, स्वर्ण जयन्ती स्वस्थ बचपन योजना, स्वर्ण जयन्ती नारी संरक्षण गृह ,स्वर्ण जयन्ती बाल सुधार गृह और स्वर्ण जयन्ती महिला पुरस्कार योजना शामिल हैं।
स्वर्ण जयन्ती बाल आहार उत्पादन केन्द्र योजना के अंतगर्त प्रदेश में 6 से 18 माह तक के बच्चों को सूक्ष्म तत्वों से युक्त पंजीरी प्रदान करने के उद्देश्य से पंजीरी प्लांट ,गुडग़ांव के परिसर में एक नया अत्याधुनिक स्वचालित पंजीरी प्लांट किया जायेगा। स्वर्ण जयन्ती स्वस्थ बचपन योजना के अंतगर्त जिला अम्बाला में अति कुपोषित बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार के उद्देश्य से एक विशेष योजना चलाई जायेगी। जिसके तहत बच्चों को भार के मूल्यांकन के साथ-साथ उनकी आयु अनुसार उनके सभी स्वस्थ मापदण्ड अनुसार दुरूस्त किये जायेंगे। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बच्चों के अभिभावकों को भी समुचित स्वास्थ्य एवं पोषाहार शिक्षा प्रदान की जायेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि इसके अलावा स्वर्ण जयन्ती नारी संरक्षण गृह योजना के तहत बेसहारा लड़कियों/महिलाओं की संस्थागत देखभाल, संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा, रख-रखाव, शिक्षा तथा प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से फरीदाबाद में कस्तूरबा सेवा सदन में 50 संवासियों की क्षमता का एक नया नारी निकेतन स्थापित किया जाएगा। श्रीमती जैन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य स्वर्ण जयन्ती महिला पुरूस्कार योजना भी शुरू की जायेगी । उन्होंने कहा कि प्रदेश में समेकित बाल विकास सेवाएं योजना भी चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य 0-6 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण स्तर में सुधार करना तथा मृत्यु दर, कुपोषण तथा स्कूल छोडऩे वाले बच्चों की संख्या को कम करना है। यह योजना 21 शहरी परियोजनाओं सहित 148 खण्डों में 25962 आंगनवाड़ी केन्द्रों जिनमें 512 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से चलाई जा रही है।