बगावत के दौर में कांग्रेस में पुराने नेताओं की बढ़ी पूछ
नई दिल्ली, 22 अप्रैल (हि.स)। एक ओर जहां कांग्रेस नेताओं में पार्टी छोड़ भाजपा दामन थामने की होड़ लगी है ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पार्टी न छोड़ने का दावा किया है। वजह साफ है कि पार्टी में अचानक वरिष्ठ और पुराने नेताओं की पूछ बढ़ गई है।
गौरतलब है कि कांग्रेस से निकाले जाने के बाद दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह का शनिवार को भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए तीसरा बड़ा झटका होगा। बरखा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली के प्रभारी श्याम जाजू से शनिवार दोपहर मुलाकात कर भाजपा में शामिल हो जाएंगी।
कांग्रेस पार्टी में अचानक वरिष्ठ नेताओं की पूछ बढ़ गई है। जिस रफ्तार से कांग्रेस के दूसरी कतार के नेता पार्टी छोड़ रह हैं और कांग्रेस आलाकमान पर हमला कर रहे हैं, उसे देखते हुए अब राहुल गांधी और उनकी टीम को समझ में आ गया है कि पुराने नेता ज्यादा भरोसे के हैं। तभी राहुल गांधी ने पिछले दिनों कांग्रेस के तमाम पुराने नेताओं के साथ एक बैठक की। पी चिदंबरम से लेकर केवी थॉमस और किशोर चंद्र देव तक देश भर के करीब 40 नेता इस बैठक में शामिल हुए।
कांग्रेस के एक जानकार नेता का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में राहुल गांधी के ऊपर हमला करने वालों में ज्यादातर नए नेता हैं। असम के हेमंत बिस्वा सरमा से लेकर गोवा के विश्वजीत राणे, दिल्ली के अरविंदर सिंह लवली और बरखा शुक्ला सिंह तक सारे नेता दूसरी कतार के हैं। कांग्रेस की पहली कतार के लगभग सारे नेता पार्टी आलाकमान के प्रति भरोसा बनाए हुए हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि राहुल गांधी भी अब इस बात को समझ रहे हैं कि पुराने और बुजुर्ग नेताओं की अनदेखी करके पार्टी नहीं चलाई जा सकती है।
यहीं वजह है कि कांग्रेस नेताओं में पार्टी छोड़ने की मची होड़ के बीच पार्टी और कमलनाथ दोनों सफाई दे रहे है कि ‘कमलनाथ कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं।’ कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि यह अफवाह भाजपा की ओर से फैलाई जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पार्टी में अपने कद के अनुरूप भूमिका नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं। लेकिन उनके पार्टी छोड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वे पार्टी के समर्पित नेता हैं।
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दूसरी ओर सूत्रों का कहना है कि हाल में पार्टी के साथ बगावत करने वाले नेताओं से सबक लेकर राहुल गांधी ने कई राज्यों में पुराने और बुजुर्ग नेताओं को कमान देने के बारे में विचार किया है। केरल में ओमन चांडी को अध्यक्ष बनाने पर बात हुई थी लेकिन कहा जा रहा है कि उन्होंने इससे इनकार कर दिया है। ऐसे में हो सकता है कि पार्टी केवी थॉमस के नाम पर विचार करे, जो लोक लेखा समिति के अध्यक्ष थे।
इसी तरह कहा जा रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कमान दे सकती है। उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। ऐसे ही कर्नाटक में पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोईली को प्रदेश अध्यक्ष का दावेदार माना जा रहा है। राजस्थान में भी सचिन पायलट की जगह किसी पुराने नेता को कमान देने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी पुराने और नए नेताओं के बीच संतुलन बनाना चाह रहे हैं।