गोपेश्वर 27 दिसम्बर = । चमोली जिला पंचायत में उठी तकरार का तूफान फिलहाल शांत नजर आ रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की चर्चाएं शांत हो गई हैं।
चमोली जिला पंचाायत में कई महीनों से तकरार चल रही है। अध्यक्ष मुन्नी शाह से सदस्यों की नाराजगी बतायी जा रही है। जिला पंचायत सदन की तीन बार बैठकें स्थगित हो गई। पहले 16 दिसंबर को त्रैमासिक बैठक बुलायी गई। अध्यक्ष समेत दो अन्य सदस्य ही सदन में पहुंचे। कोरम पूरा न होने के कारण 20 दिसंबर को बैठक बुलायी गई। उसमे भी कोरम पूरा न हुआ और फिर 26 दिसंबर को बैठक आहुत की गई इसमें भी सदस्यों ने अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जतायी। सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की पूरी तैयारी हो भी गई थी। परंतु इस बीच बताते है कि विधान सभा चुनावों की दस्तक से तकरार व अविश्वास लाने की चर्चाएँ थम सी गई हैं|
जिला पंचायत में 27 सदस्य है जिनमें से 15 भाजपा के बताये जा रहे है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने अविश्वास की पूरी तैयार कर दी थी। जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत बुटोला का यहां तक कहना है कि मेरे पास अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास लाने के प्रस्ताव का पत्र है जिसमें 23 सदस्यों ने हस्ताक्षर किये है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के टिकट के दावेदारों को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे भाजपा के उन सदस्यों को मनाएंगे जो अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। जानकारी के अनुसार बदरीनाथ, कर्णप्रयाग और थराली की ओर से भाजपा के टिकट के दावेदारों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष एससी महिला की है। उपाध्यक्ष लखपत बुटोला कहते है कि मेरे पास 23 सदस्यों के लिखित दस्तावेज है। जिसमें अविश्वास लाने की बात कही गई है। यहां पर यह भी बतादें कि जब जिला पंचायत अध्यक्ष तीन माह के मेडिकल अवकाश पर थी तो उपाध्यक्ष ने ही अध्यक्ष का पद संभाला था। अध्यक्ष मुन्नी शाह अब वापस लौट गई है। अब आगे क्या होगा इस पर सबकी निगाहें लगी है।