फर्स्ट ईयर की छात्रा ने किया तीन साल के बच्चे का अपहरण , इस तरह फ़िल्मी अंदाज़ में दिया घटना को अंजाम ……..
नई दिल्ली: अपने तीन साल के बच्चे को जब एक मां-बाप ने रिहा होने के बाद वसंत कुंज दक्षिण थाने में देखा तो बेहद भावुक हो गए. बच्चा अपने मां-बाप की इकलौती संतान है. यह बच्चा गुरुवार शाम दिल्ली के घिटोरनी इलाके में अपने घर के पास खेलते हुए अचानक लापता हो गया था.
बच्चा काफी ढूंढने के बाद भी नहीं मिला तो उसके परिवार ने पुलिस को जानकारी दी. पास में लगे एक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया. उसमें दिखा कि कोई शख्स बच्चे को गोदी में लेकर जा रहा है. थोड़ी देर बाद बच्चे के पिता अनुज के मोबाइल पर एक अंजान नंबर से व्हाट्सऐप मैसेज आया. मैसेज में लिखा था ‘ऐसे बच्चा नहीं मिलेगा, घर से भीड़ को बाहर भेजो. तुम्हारा बच्चा हमारे पास है. चालाकी मत करना, जो कहा जाए वो करो.’
डरे सहमे परिवार ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. इसी बीच किडनेपर्स ने दुबारा फ़ोन किया और पांच करोड़ की फिरौती मांगी. फिर किडनैपर दो करोड़ की फिरौती देने पर बच्चे को रिहा करने के लिए तैयार हो गया. पुलिस ने उस नंबर की लोकेशन पता लगाई जिससे फ़ोन आ रहे थे. पता चला नंबर कोई बच्चे के घर में ही इस्तेमाल कर रहा है. जांच में पता चला कि ये नंबर बच्चे के घर में किराये से रह रही एक लड़की इस्तेमाल कर रही है.
पुलिस ने उस लड़की को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की. रात करीब दो बजे के आसपास लड़की ने पुलिस को बताया कि पास में ही एक किराये के कमरे में बच्चा बंद है. पूरी रात पुलिस बच्चे को ढूंढ़ती रही और आज सुबह मौके पर पुलिस पहुंची तो देखा कि घर के बाहर ताला लगा हुआ था और बच्चे को हाथ-पैर और मुंह बांधकर रखा गया था. पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया.
फ़िल्मी अंदाज़ में दिया घटना को अंजाम
जांच में पता चला कि बच्चे के घर में करीब डेढ़ साल पहले किराए पर रहने आए एक परिवार ने इस साजिश को अंजाम दिया. आरोपी लड़की दिल्ली यूनिवर्सिटी में फर्स्ट ईयर की छात्रा है और उसका भाई नाबालिग है, अभी स्कूल में है. उनकी मां प्राइवेट नौकरी करती है. पूछताछ में उन्होंने बताया कि बच्चे को किडनैप करने के पीछे दो वजह हैं. पहली ये कि बच्चे के दादा गुस्से में रहते थे कई बार इस लड़की के नाबालिग भाई को डांट दिया करते थे और कभी गुस्से में थप्पड़ भी माए दिया करते थे.
पूछताछ में लड़की रिया के नाबालिग भाई ने बताया कि वह इस बुजुर्ग से बदला लेना चाहता था साथ ही इन्हें पैसों की भी जरूरत थी.जांच में ये भी साफ़ हुआ कि भाई-बहन ने बेहद शातिराना तरीके से इस किडनैपिंग को अंजाम दिया. इन्होंने अगस्त से ये प्लानिंग शुरू की. पहले घर के पास स्टॉल लगाने वाले एक शख्स का नंबर इन्होंने बातों बातो में लिया और फिर उस नंबर से अपने फोन में व्हाट्सऐप शुरू किया. उसका ओटीपी लेने के लिए एक बार रिया फिर उस स्टॉल वाले के पास गई और ओटीपी लेकर व्हाट्सऐप शुरू किया. साथ ही किडनैपिंग के बाद बच्चे को रखने के लिए कुछ ही दिन पहले पास में ही एक कमरा इन्होंने किराए पर लिया था.