पटना, सनाउल हक़ चंचल
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए मलयालम अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ सभी एफआईआर पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सभी राज्य को इस मामले में एफआईआर या कारवाई न करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने प्रिया प्रकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वालों को नोटिस जारी किया. गौरतलब है कि मलयालम फिल्म ‘ओरु अदार लव’ के गाने को लेकर उनके और निर्देशक उमर अब्दुल वहाब के खिलाफ तेलंगाना और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर प्रिया प्रकाश सुप्रीम कोर्ट गई थी.
ये सारा विवाद फिल्म के गाने ‘माणिक्य मलाराया पूवी’ को लेकर हुआ. इस गाने के बाद तेलंगाना, रजा अकादमी और जन जागरण समिति ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर चोट पहुंचाने के लिए एफआईआर दर्ज कराई थी.
OMG बॉलीवुड का यह सुपरस्टार बेच रहा हैं पापड़ ! सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फोटो
जबकि फिल्म से जुड़े लोगों का कहना है कि ये गाना केरल के मालाबार क्षेत्र का एक पारंपरिक मुस्लिम गीत है. यह गाना पैगम्बर मोहम्मद और उनकी पहली पत्नी खदीजा के बीच प्रेम का वर्णन और प्रशंसा करता है. याचिकाकर्ताओं ने याचिका में कहा कि तेलंगाना और महाराष्ट्र में गाने की गलत व्याख्या के आधार पर विभिन्न समूहों द्वारा आपराधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं और इसी तरह की शिकायतें अन्य गैर-मलयालम भाषी राज्यों में भी दर्ज होने की आशंका है.
इस एक्स्ट्रेस के साथ भूत ने किया था सेक्स , वो भी दो बार !
‘ओरू अदार लव’ के निर्माताओं की ओर से कहा गया कि इस गीत को मूल रूप से केरल के एक पुराने लोक गीत के तौर पर पीएमए जब्बार द्वारा 1978 में लिखा गया था. जिसे पहली बार थलासेरी रफीक ने पैगम्बर और उनकी पत्नी खदीजा की प्रशंसा में गाया गया था. बिना किसी आधार के यह दावा किया गया है कि यह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को नुकसान पहुंचाता है.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जो गाना 40 साल से अस्तित्व में है. लोकप्रिय है. जिसे मुस्लिमों ने लिखा वो यकायक कैसे किसी की धार्मिक भावना के खिलाफ हो गया. याचिका में हाल ही में ‘पद्मावत’, केजरीवाल के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया है. याचिका में मांग की गई है कि राज्यों को भविष्य में इस तरह के मामले दर्ज करने से रोका जाए.