पालघर में बूंद बूंद पानी के लिए तरसते लोंग ,अब सरकार से नही इंद्रदेव से लगाये बैठे है उम्मीद
पालघर:पालघर जिले के मोखाडा ,जव्हार,वाड़ा ,विक्रमगढ़ तहसीलों समेत अन्य क्षेत्रो में रहने वाले लोंग एक एक बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहें है.पिने के पानी की किल्लत से जूझ रहे इन गरीब आदिवासियों को पुरे दिन तपती हुई धुप में और रात रात भर जाग कर सूखे हुए कुंए से व कई किलोमीटर पथरीले डगर पर चल कर अन्य जगहों से अपने परिवार की प्यास बुझाने के पानी का इंतजाम करना पड़ता है.वही जिला प्रशासन द्वारा पानी की किल्लत से जूझ रहे लोगों के लिए किये गए पानी के इंतजाम के सभी दावे झूठे साबित हो रहे है.पानी के लिए तरस रहें लोंग सरकार से नही इंद्रदेव से आस लगाये बैठे है.ताकि जल्दी बारिश शुरू हो और उन्हें इन समस्या से कुछ महीनों के लिए मुक्ति मिले.
हर साल गर्मी का महिना लेकर आता है डबल संकट
जिले के मोखाडा ,जव्हार,वाड़ा ,विक्रमगढ़ तहसीलों में बसे गरीब आदिवासियों के लिए हर साल गर्मी के महिनें पीने के पानी का संकट लेकर आते है. गर्मीयों का महिना शुरू होते ही दर्जनों गांवो के सामने भस्मासुर जैसे पिने के पानी की समस्या खड़ी हो जाती है.इस क्षेत्र के कुंए ,नदी ,नाले सभी पूरी तरह सुख जाते है. जहा कही भी पानी मिलने की उम्मीद होती है, वहा यह ग्रामवासी अपने काम धंधे छोड़कर जमींन में छोटे छोटे गड्ढे खोद कर इन गड्ढो से व सूखे हुए कुंओं में इकट्ठा होने वाले एक एक बूंद पानी कों भर कर अपने परिवार का प्यास बुझाते है .इसके लिए इन्हें तपती हुई धुप में पुरे दिन बैठना पड़ता है,और पूरी रात जागना पड़ता है. अब जिन कुओं में पानी है भी वह करीब 10 दिन का ही पानी बचा है .जो पानी है, भी, वह पानी इतना मटमैला हो चूका है की इनसे कपड़े भी नही धोए जा सकते है,पीने की बात तो बहुत दूर की है .
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वही केशव भूमि नें पानी की समस्या जूझ रहे गांवो का दौरा कर बूंद बूंद पीने के पानी के लिए तरस रहें लोगों से बात करके उनसे पानी की समस्या को जानने की कोशिश की तो उनका कहना था कि हमारी यह समस्या सदियों से चली आ रही है. उसमें कुछ बुजुर्गो का कहना था कि इस समस्या से लड़ते हुए हमारी उम्र 60 साल हो चुकी है, लेकिन अभी तक यह समस्या दूर नही हुई है. इस क्षेत्र के विधायक, सांसद और नेताओं को केवल चुनाव के समय हमारी समस्या की चिंता रहती है. चुनाव जीतने के बाद विधायक, सांसद गुम हो जाते है,वह हमारी तरफ पलट कर भी नही देखते है.
सांसद और विधायक के भाषणों में दिखाई देती है समस्या
वही इस क्षेत्र से चुनकर आए शिवसेना के सांसद राजेन्द्र गावित और एनसीपी के विधायक सुनील भुसारा पर नाराजगी जाहिर करते हुए गांववासियों