केसरिया रंग शौर्य का है प्रतीक और हमारे अंदर छुपे शौर्य की कराता है पहचान – राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती निलमजी सेठिया
पालघर में परचम केशरिया शक्ति कार्यक्रम हुवा संपन्न , तेरापंथ महिला मंडल द्वारा किया गया था आयोजन
पालघर : अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल (Akhil Bhartiya Terapanth Mahila Mandal ) द्वारा आयोजित किया गया परचम केसरिया शक्ति ( Parcham Kesariya Shakti ) नामक कार्यक्रम संपन्न हुवा. अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा निलमजी सेठिया एवं कार्यकारिणी टीम की विशेष उपस्थिति में इस कार्यक्रम का आयोजन पालघर के तेरापंथ भवन (Terapanth Bhavan Palghar ) में किया गया था.
वही इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती निलमजी सेठिया ने कहा की केसरिया रंग शौर्य का प्रतीक है और हमारे अंदर छुपे शौर्य की पहचान कराता है. तेरापंथी बहनें अपने केसरिया परिधान के परचम को अपने दायित्व से, धैर्य से, वात्सल्य से फहरा सकते हैं. उन्हों ने कहा की हमें यह विवेक रखना चाहिए की कब हमें यह गणवेश पहनना है और कब नहीं. नारी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती का स्वरूप है, शक्ति सिर्फ नारी को मिली है, पुरुषों को क्यो नहीं? क्योंकि नारी मर्यादा में रहकर संस्कारों का जतन कर सकती है. नई कहानी लिख सकती है. आज संधी बेला यानी मिलन बेला है आज दो- दो मर्यादा पुरुषोत्तम के इतिहास की शुरुआत हुई थी. मर्यादा पुरुषोत्तम राम और मर्यादा पुरुषोत्तम भिक्षु की. इसलिए आज हम संधी बेला में एक संकल्प ले की एक हफ्ते में हम अपने अंदर छिपी प्रतिभा को बाहर निकालने की कोशिश करेगे.
आज की कन्या कल की नारी………..
राष्ट्रीय महामंत्री मधु जी देरासरिया ने कहा रामनवमी के दिन भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस है. उन्होंने जो क्रांति की उसका फल यह यशश्वी धर्म संघ है. हमे भी अपने शौर्य को अच्छे कार्य मे लगाना है.आज की कन्या कल की नारी है. इनके कंधे पर संस्कारो की जिम्मेदारी है. साथ ही इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रचना जी हिरण , महाराष्ट्र प्रभारी निर्मला जी चंडालिया, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष्या कुमुद जी कच्छारा समेत अन्य मान्यवरों ने भी अपने अपने विचार प्रगट किये.
इस अवसर पर सभा अध्यक्ष नरेश राठौड़, तेयुप अध्यक्ष प्रकाश बाफना, संगिता बाफना,देवीलाल सिंघवी, उपासक मिठालाल सिंघवी, केंद्र व्यवस्थापक सुखलाल जी तलेसरा, सफाला से अध्यक्ष्या ममता परमार, बोईसर से दाख़ूबाई बोराणा अपनी टीम के साथ उपस्थित रही. कार्यक्रम का कुशल संचालन हेमाजी बाफना और आभार ज्ञापन मंत्री संगिताजी चपलोत ने किया.