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पालघर डीएम ऑफिस को एनसीपी ने बनाया अखाड़ा , महिला सदस्य छुड़ाती रह गई हाथ ,शर्मसार करने वाली तस्वीरें आई सामने

पालघर : मुंबई से सटे पालघर जिला के डीएम का ऑफिस उस समय अखाड़ा बन गया, जब पालघर जिला परिषद में 20 जुलाई को होने वाले अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक सुनिल भूसारा और पार्टी के पालघर जि.प. सदस्य आपस में भीड़ गए और दोनों में जमकर झगड़ा हुवा.

बताया जा रहा की यह झगड़ा उस वक्त हुवा जब जि.प. के एनसीपी के पूर्व उपाध्यक्ष निलेश सांबरे ग्रुप के जि.प.सदस्य ग्रुप (गट) स्थापन करने के लिए डीएम ऑफिस पहुंचे , डीएम पहुंचे सदस्यों ने आरोंप लगाया है की  विधायक सुनिल भुसारा के कहने पर डीएम ने उन्हें  समय देने से इंकार कर दिया. जिसके बाद यह ग्रुप वही धरने पर बैठ गया और कुछ ही समय में विधायक भी अपने समर्थको और जि.प. के कुछ सदस्यों के साथ डीएम ऑफिस पहुंच गए जिसके बाद डीएम ऑफिस के अंदर की जो तस्वीरें सामने आई वह शर्मशार कर देने वाली हैं. वही इसे लेकर विधायक सुनिल भूसारा ने इसे मामूली झगड़ा बताते हुए कहा की हमारी आप में कुछ कहा सुनी हुई हैं, लेकिन हम उसे सुलझा लेंगे .

देखें विडियों …..

   क्या है पूरा मामला  

2020 में 57 सीटो वाली पालघर जि.प. में हुवे चुनाव में भाजपा को 12 सिट,शिवसेना को 18 सिट ,राष्ट्वादी कांग्रेस को 15 सिट ,बविआ को 4 सिट सीपीआई (एम ) को 5 सिट ,निर्दलियो को 2 सिट और कांग्रेस को एक सिट पर जित हासिल हुई थी.

 जिसके बाद भाजपा को छोड़कर बाकी सभी पार्टियों नें आपस में गठबंधन कर सवा साल सवा साल की शर्त पर अध्यक्ष पद शिवसेना और उपाध्यक्ष पद एनसीपी को देते हुए जिला परिषद  की सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था.

 जिस शर्त के तहत सवा साल पुरे होने के बाद शिवसेना की जिला परिषद अध्यक्ष भारती भरत भरत कामडी ने अपने पद से स्तीफा दे दिया. और एनसीपी के उपाध्यक्ष निलेश सांबरे की सदस्यता ओबीसी आरक्षण को लेकर आए सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद पहले ही रदद् हो गई थी.

जिसके बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए होने वाले इस चुनाव को लेकर अब एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई है एक ग्रुप विधायक सुनिल भुसारा का है तो दूसरा ग्रुप पूर्व उपाध्यक्ष निलेश सांबरे का.

 वही दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण को लेकर आए सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद अब जिला परिषद में एनसीपी के चुनकर आए 15 सदस्यों में से 8 सदस्य ,भाजपा के 15 सदस्यों में 8 सदस्य ,शिवसेना के 18 सदस्यों में 15 सदस्य , सीपीएम के 6 सदस्यों में 5 सदस्य बचे है.

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