पालघर जिले का विकास करेंगे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
पालघर : सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव बाला साहेब ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने कहा कि अभी जल्दी ही पालघर जिले का निर्माण हुआ है,जिले में अभी तक आवश्यक सुविधाएं नहीं है,मेरा यह दौरा जव्हार तक नही सीमित है मुझे पालघर जिले का विकास करना है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पालघर जिला के जव्हार में कॉटेज हॉस्पिटल, जामसर बाल उपचार केंद्र, खरवंद आंगनवाड़ी, ढापरपड़ा में विकसित किए गए पर्यटन केंद्र और प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए हुए घरों का निरीक्षण किया.
पर्यटन के माध्यम होगा जिले का विकास
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की पालघर जिले की भौगोलिक संरचना पर्यटन के लिहाज से अनुकूल है, और जिले का विसाल समुद्री तट और जव्हार जैसे क्षेत्र पर्यटन के लिए लाभदायक है. ऐसे में जिले के सर्वांगीण विकास के लिए यहा के पर्यटन स्थलों का विकास जाएगा. आदिवासी समुदाय को मुख्य धारा में लाकर पर्यटन के माध्यम से उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार जिले में परिवहन, रोजगार और पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है।
उन्हों ने कहा कि कुपोषण को पूरी तरह से रोकने के लिए जिले का सर्वांगीण विकास जारी है, आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करके इस समाज के विकास पर सरकार अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
इस अवसर पर जिला के पालकमंत्री दादाजी भुसे, महिला अर्थिक महामंडळ की अध्यक्षा ज्योती ठाकरे, सांसद राजेंद्र गावित, कोंकण विभाग के आयुक्त अण्णासाहेब मिसाळ, मिशाल, कोंकण पुलिस के महानिरीक्षक संजय मोहिते, जिला कलेक्टर डॉ. माणिक गुरसल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धाराम सलीमठ, सहायक कलेक्टर आशिमा मित्तल, पी. नायर समेत बड़ी संख्या में अन्य मान्यवर व सभी विभाग के अधिकारी मौजूद थे .
खामियों को छिपाने के लिए कार्यक्रम से पत्रकारों को रखा दूर ?
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस कार्यक्रम को कवर करने के लिए पहुंचे पालघर जिला के पत्रकारों को जिस तरह जिला प्रशासन द्वारा दूर रख उन्हें एकत्र करने से रोका गया गया, और जिसके कारण पुलिस व पत्रकारों में नोक झोक भी देखने को मिला .जिसके बाद मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम पर कई सवालिया निशान लगने लगे की आखिर इस कार्यक्रम में ऐसा क्या खामियां थी जो पत्रकारों से छिपाया जा रहा था . क्या जिला प्रशासन ने रातो रात अपनी खामियों को छिपाकर मुख्यमंत्री जी के सामने गलत तस्वीरे पेश किया ? क्या जिला प्रशासन को यह डर था की कही पत्रकार उनकी खामियों को उजागर तो नहीं कर देंगे ..? इस कार्यक्रम को लेकर अब ढेर सारे सवाल उठ रहे है . वही पालघर जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों के साथ किये गए इस दूरव्यवहार को लेकर कुछ पत्रकार इसे मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाते हुए उनको निषेध पत्र लिखकर इसका निषेध करने वाले है .
हालांकि आखिर में शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर के दखल के बाद सीएम ने पत्रकारों से बात किया