पाकिस्तान : पाकिस्तान में दिन पर दिन जनसंख्या बढ़ती जा रही है. जनसंख्या के बढ़ने का कारण वहां के लोगों की सोच है. उनका मानना है कि अल्लाह उनकी जरूरतें पूरी करेगा. वहां ऐसे लोग भी है जिन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि बढ़ती जनसंख्या आर्थिक लाभ और सामाजिक कार्यों को प्रभावित कर रही है. उनका मानना है कि बच्चे तो अल्लाह की देन होते हैं, हम कौन होते हैं उन्हें रोकने वाले.
बता दें कि पाकिस्तान में 19 साल बाद देश में जनगणना की गई है और उसकी रिपोर्ट जुलाई में आने की संभावना है. ऐसा अनुमान है कि देश की जनसंख्या करीब 20 करोड़ हो जाएगी जो 1998 में 13.5 करोड़ थी. विश्व बैंक और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान दक्षिण एशिया में सबसे अधिक जन्मदर वाला देश है. यहां हर महिला के कम से कम 3 बच्चे हैं. बता दें कि पाकिस्तान में 3 पिता के 96 बच्चे है, और उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
36 बच्चों के पिता गुलजार खान ने कहा, ‘अल्लाह ने पूरी दुनिया और इंसानों को बनाया है, इसलिए मैं कौन होता हूं बच्चा पैदा करने की प्राकृतिक प्रक्रिया को रोकने वाला. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस्लाम फैमिली प्लानिंग के खिलाफ है. हाल ही में उनकी तीसरी पत्नी गर्भवती हैं. गुलजार ने बताया, हम मजबूत होना चाहते हैं. उनका कहना है कि क्रिकेट मैच खेलने के लिए उनके बच्चों को दोस्तों की जरूरत नहीं है.
बता दें कि पाकिस्तान में बहुविवाह वैध है. लगभग वहां के सभी लोगों की सोच एख जैसी है. गुलजार के भाई मस्तान खान वजीर की भी तीन पत्नियां हैं. वजीर के 22 बच्चे हैं. उनका बताया कि उनके पोते-पोतियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वह गिन नहीं सकते.
संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या परिषद की कंट्री निदेशक जेबा ए. साथर ने कहा, यह वाकई में समस्या है क्योंकि यह हमारी स्वास्थ्य सेवा को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है और विकास के पर भी बुरा असर हो रहा है.
बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में रहने वाले जान मोहम्मद के 38 बच्चे हैं. जान ने 2016 में कहा था कि वह चौथी शादी करना चाहतेहैं, क्योंकि उनका लक्ष्य 100 बच्चे पैदा करना हैं. कोई भी महिला उनसे शादी नहीं करना चाहती, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी है. उन्होंने कहा, ‘जितने ज्यादा मुस्लिम होंगे, उनके दुश्मन उनसे उतना ही डरेंगे. मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए.