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नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश से कुनौली के गांवों में घुसा बाढ़ का पानी,10 गांव बाढ़ की चपेट में

सुपौल/ निर्मली, 12 अगस्त :  नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते तिलयुगा नदी का जल स्तर बढ़ गया है। इससे सीमावर्ती क्षेत्र के तीन पंचायतों के करीब 10 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं । 

बाढ़ की चपेट में आने वाली पंचायतों में कुनौली पंचायत के 16 गांव कमलपुर के 17 गांव और डगमारा पंचायत के 13 वार्ड की करीब 10 हजार की आबादी शामिल है । इन क्षेत्रों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है । लोग मजबूर होकर सामानों को लेकर ऊंचे स्थलों की ओर पलायन करने कोे मजबूर होे गए हैं । हालांकि अब जलस्तर घटने से लोगों को कुछ राहत भी महसूस हो रही है ।
कुनौली पंचायत के जगमोहन टोला , बेरिया घाट ,मंडल टोला , कामत टोला ,महादलित टोला , कमलपुर पंचायत स्थित हरजोती गांव , हरिपूर , मुस्लिम टोला , मंडल टोला , डगमारा पंचायत के डीहटोल , पीपराही , सिकरहट्टा व चुटियाही गांव के तकरीबन 100 घर बाढ़ के पानी में गिर गए हैं । कुनौली पंचायत स्थित महादलित टोला के लोग अपना-अपना घर तोड़ अन्य जगहों पर सुरक्षित स्थानों की तलाश में जा रहे हैं तो कई परिवारों का घर तिलयुगा नदी की धारा में विलोपित हो चुका है ।इन पंचायतों की करीब 10 हजार की आबादी इस बाढ़ से प्रभावित हुई है । 

बाढ़ से जन जीवन हुआ अस्त-व्यस्त……

कुनौली के मुखिया सत्य नारायण रजक ,वाशीद अहमद, कमलपुर पंचायत के मुखिया धीरेन्दर कुमार मेहता, सरपंच चीत नारायण यादव, मोहम्मद शकील अहमद, डगमारा पंचायत के मुखिया रविन्द्र कुमार कामत , जेपी सम्मान सेनानी राम प्रसाद कामत ,जदयू प्रखंड अध्यक्ष नथुनी मंडल , प्रमुख राम प्रवेश यादव , उप प्रमुख हरेराम मेहता , सहित कई अन्य समाजसेवी जनप्रतिनिधि बाढ़ पीड़ित लोगों से मिलकर ऊंचे व सुरक्षित स्थानों पर जाने पर जाने के लिए लोगों से अपील करते देेखेे गए । 
वहां के लोगों ने बताया कि सन1987,1997 और 2016 के बाद चौथी वार यहांं इस तरह की बाढ़ आयी है जिससे लोगों का जन जीवन अस्त -व्यस्त हो चुका है ।

2016 में विभागीय लापरवाही से टूटा था सीमा बांध ……..

जनप्रतिनिधियों,समाजसेवियों के लाख प्रयासों के बावजूद भी बांध टूट गया सीमा बांध को बचाने के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों ने सभी अधिकारियों से बातचीत की । लेकिन पहल नहीं होने की वजह से 23 जुलाई को सीमा बांध टूट गया । 
प प्रमुख हरेराम मेहता, भूतपूर्व प्रमुख अरविन्द कुमार गुप्ता ,भूतपूर्व मुखिया वासीद अहमद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इस जन समस्या से अवगत कराते हुए कई बार बांध मरम्मत की अपील की । लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया । उनकी लापरवाही का नतीजा यह हुआ की आज 10 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में हैं । इस टूटे हुए सीमा बांध की वजह से आज हजारों एकड़ में लगी धान की फसल के साथ सैकड़ो घर बर्बाद हो गए । इन पंचायतों में करोड़ों की क्षति होने की आशंका की जा रही है।

बेकार साबित हो रही विभागीय कवायद …….

23 जुलाई को सीमा बांध टूट गया था और इस प्रकार एक साल से अधिक समय बीत गया लेकिन टूटे हुए सीमा बांध को सरकार रा दोबारा बांधने का प्रयास नहीं किया गया । अगर सीमा बांध की मरम्मत पूर्व में ही करा दी जाती तो आज इन तीनों पंचायत के हजारों लोगों को इस तरह हशत के माहौल में जीना नहीं पड़ता। जब सीमा बांध गत साल टूटा तो यहां पदाधिकारियों से लेकर विधायक, सांसद और मंत्री तक का तांता सा लग गया ।

भूतपूर्व मंत्री चन्द्रशेखर सिंह ,अब्दुल गफूर, सांसद रंजीता रंजन, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, यदुवंश कुमार यादव, डीएम वैधनाथ यादव, एसपी कुमार ऐकले, बीडीओ से लेकर सीओ तक घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे । कहा जाता है कि जल संसाधन विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार को कटाव स्थल पर बोरा क्रेटिंग का निर्देश दिया गया था जो पूरी तरह विफल साबित हुआ था।

अब तक नहीं की गयी नाव की व्यवस्था ……

बेरीया घाट निवासी जय प्रकाश मेहता कहते हैं की बाढ़ की वजह से घरो में पानी घुस चुका हैं । यहां लोग दहशत में हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर से अभी तक उनके लिए नाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है । कुनौली के रामू सदाय अपने घर से सामान निकालते हुए कहते मिले कि वहां बड़ी तेजी से पानी बढ़ रहा है। अब उनकी किस प्रकार बच पाएगी यह कहना मुश्किल है । 

वहीं, बदरी मंडल ,रामचन्द्र यादव, मोम लाल मंडल, लक्षमण यादव ,कैलाश मंडल , इन्द्रदेव कामत , अनिल कुमार भारती ,श्याम सुंदर मुखिया ,फूल कुमार कामत ,महेन्द्र यादव ,महेश कामत आदि ने भी कहा कि उनकी सुधि लेने वाला कोई भी नहीं है । (हि.स.)

आगे पढ़े : स्वतंत्रता दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मद्देनजर राजधानी में अलर्ट

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