नारायण राणे कांग्रेस छोड़ने की तैयारी में ,कोंकण में कांग्रेस को झटका
मुंबई, 18 सितम्बर : कोंकण विभाग में कांग्रेस पार्टी का मुख्य चेहरा माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कांग्रेस छोड़ने की तैयारी शुरु कर दिया है। बहुत जल्द नारायण राणे अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल होने वाले हैं। इस बाबत उनकी चर्चा दीगर भाजपा नेताओं से हो रही है। राणे के कांग्रेस छोड़ने से कोंकण में कांग्रेस पार्टी को करारा झटका लगने की जोरदार चर्चा राजनीतिक हलके में हो रही है। हालांकि सांसद हुसैन दलवाई ने पत्रकारों को बताया कि राणे के कांग्रेस से जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। दलवाई ने कहा कि राणे शिवसेना से कांग्रेस में आए थे और उससे पहले से कोंकण में कांग्रेस पार्टी रही है और आगे भी रहने वाली है।
मिली जानकारी के अनुसार नारायण राणे कांग्रेस पार्टी में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हाल ही में नांदेड़ में राहुल गांधी के दौरे में भी उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था। इसी तरह परसों कांग्रेस पार्टी ने सिंधुदूर्ग जिले में राणे समर्थक जिला कांग्रेस अध्यक्ष को हटा दिया है। इससे नारायण राणे और ही परेशान हो उठे हैं| न्होंने पत्रकारों को बताया कि वह नवरात्रि में फैसला करने वाले हैं। राणे ने कहा कि नांदेड़ में अशोक चव्हाण ने कांग्रेस को समाप्त कर दिया है। पूरे राज्य में कांग्रेस को समाप्त करने का काम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण कर रहे हैं। राणे ने कहा कि वह अब अशोक चव्हाण को समाप्त करने की दिशा में काम करने वाले हैं।
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इस बीच मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को नारायण राणे सिंधुदूर्ग पहुंचने वाले हैं और यहां अपने समर्थकों से मिलने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक नारायण राणे भाजपा में प्रवेश को लेकर वरिष्ठ नेताओं के लगातार संपर्क में हैं और भाजपा में जमीन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा में नारायण राणे व उनके समर्थकों को किस तरह से समायोजित किया जाए , इस पर अभी तक बात नहीं बन सकी है| इसीलिए राणे को कांग्रेस छोड़ने व भाजपा में प्रवेश को लेकर देरी हो रही है। राणे ने कहा कि वह विजया दशमी तक कांग्रेस छोड़ सकते हैं| इससे इस बात को बल मिल रहा है कि भाजपा में उनकी बात आगे बढ़ी है और बहुत जल्द वह विजया दशमी तक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। नारायण राणे के साथ कांग्रेस पार्टी के दो विधायक भी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। इन दोनों में नीतेश राणे व कालीदास कोलंबकर का नाम लिया जा रहा है| इससे विधानसभा में विपक्षी नेता पद भी कांग्रेस के हाथ से निकल सकता है। (हि.स.)।