पटना, सनाउल हक़ चंचल
भागलपुर : भागलपुर के नाथनगर में 17 मार्च को हुए तनाव मामले के मुख्य आरोपित अर्जित शाश्वत चौबे की शनिवार देर रात पटना में हुई गिरफ्तारी के बाद रविवार सुबह भागलपुर लाया गया.
यहां एसीजेएम-7 के समक्ष उन्हें पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के बेटे अर्जित शाश्वत को भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा (कैंप जेल) के प्रथम सेक्टर के बैरक में रखा गया है.
भागलपुर लाने के क्रम में
कई जगहों पर अर्जित के समर्थकों ने पुलिस का विरोध किया और पुलिस विरोधी नारे लगाये गये. यहां तक कि विक्रमशिला सेतु के टोल प्लाजा के पास उन्हें छुड़ाने तक की कोशिश की गयी. देर शाम तक अर्जित के समर्थक जेल गेट पर ही डटे रहे. जगह-जगह सड़क किनारे समर्थकों की भीड़ लगी रही.
अर्जित को पुलिस हिरासत में काला शीशा लगे काले रंग की स्कॉर्पियो कार (बीआर 10 पीबी 1154) में भागलपुर लाया गया. जैसे ही पटना से नवगछिया के रास्ते भागलपुर आ रहा पुलिस का काफिला विक्रमशिला सेतु को पार कर टोल टैक्स प्लाजा पहुंचा, पूर्व से ही टोल प्लाजा पर डटे समर्थकों ने सड़क को जाम कर पुलिस के काफिले को रोक दिया.
इस दौरान जिस गाड़ी में अर्जित बैठे थे, समर्थक उसके बोनेट पर चढ़ गये और अर्जित को छुड़ाने के लिए गाड़ी के गेट को खोलने का प्रयास भी किया. लेकिन, अर्जित को सुरक्षित एसीजेएम के समक्ष के पेश करने के लिए लगायी गयी पुलिस टीम ने करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद समर्थकों को हटाया.
इसके बाद उन्हें लालबाग कॉलोनी के जज कॉलोनी लाया गया. लालबाग कॉलोनी के मोड़ पर विशाल मेगा मार्ट के सामने भी कई समर्थक पहले से जुटे हुए थे. अर्जित के लालबाग कॉलोनी पहुंचते ही समर्थकों ने अर्जित के समर्थन में नारा लगाना शुरू कर दिया.
सर्विलांस पर मिली जानकारी, फिर गिरफ्तारी : एसएसपी
अर्जित शाश्वत प्रकरण पर भागलपुर एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनायी गयी थीं. हमें अर्जित की गतिविधि की सूचना मिली और सर्विलांस पर हमें उनकी योजना मालूम हुई.
इसके आधार पर अंतत: पटना स्टेशन के गोलंबर के पास हमने उन्हें गिरफ्तार किया. भागलपुर एसएसपी ने कहा कि अर्जित शाश्वत के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. कोर्ट ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दी है. एसएसपी ने कहा कि उनके खिलाफ पुख्ता प्रमाण हैं.
शहर में 250 कैमरे लगाये गये हैं. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अर्जित के समर्थकों की ओर से किसी प्रकार की भी गैरकानूनी गतिविधि किये जाने को लेकर एहतियातन शहर में छह कैमरे लगाये गये हैं. शहर में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था है.