नतीजे : 5 राज्यों में हुए चुनाव के फाइनल नतीजे कुछ इस प्रकार है, पढ़े किस पार्टी को क्या फायदा हुआ क्या नुकसान .
नई दिल्ली : शनिवार को पांच राज्यों के चुनाव नतीजे सामने आए। सबसे ज्यादा चौंकाने वाले आंकड़े उत्तर प्रदेश के रहे। यहां तीन चौथाई बहुमत के साथ बीजेपी ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की। विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो भाजपा गठबन्धन 325 सीटों के साथ सबसे आगे रहा है। इसमें भाजपा को 312, अपना दल (सोनेलाल) को 09 तथा भारतीय समाज पार्टी (भासप) को 04 सीटें मिलीं। जबकि सपा-कांग्रेस गठबन्धन महज 54 सीटों पर सिमट गया। इनमें सपा को 47 तथा कांग्रेस को मात्र 07 सीटों पर सन्तोष करना पड़ा। वहीं बसपा 19 सीटों के आगे नहीं बढ़ पायी तो अन्य के खाते में 05 सीटें आयीं।
इस तरह पीएम मोदी की सुनामी ने भाजपा विरोधी दलों को अपनी रणनीति के बारे में एक बार फिर आत्मचिन्तन करने पर मजबूर कर दिया है। किसी भी दल को अपने इतने बुरे परिणाम की उम्मीद नहीं थी। खासतौर से अखिलेश यादव सपा में अध्यक्ष पद हासिल करने के बाद कांग्रेस के साथ मिलकर यूपी में विकास का नया सवेरा लाने का दावा कर रहे थे। उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की मंशा के विपरीत जाकर न सिर्फ कांग्रेस से गठबन्धन किया बल्कि उससे एक सैकड़ा से अधिक सीटें दी। अखिलेश पूरे चुनाव अपने इस फैसले को बड़े दिल से दोस्ती करने वाला ठहराते रहे, लेकिन जब नतीजा सामने आया तो पता चला कि नया दोस्त न सिर्फ खुद डूबा है बल्कि उनकी पार्टी को भी बुरी तरह ले डूबा है। सपा की इतनी खराब सियासी हालत मुलायम के राज में भी नहीं हुई। हालांकि इसके बावजूद उन्हें यह फायदे का सौदा लग रहा है और वह कांग्रेस से गठबन्धन के बाद वह पार्टी को लाभ मिलने की बात कहते नजर आये। इतना ही नहीं अखिलेश ने राहुल और कांग्रेस के साथ अपनी दोस्ती आगे भी बरकार रखने की बात कही।
2 ) गोवा : गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर को भी मुंह की खानी पड़ी। वही गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने मारगुआ सीट पर जीत हासिल की। जबकि उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा ने मापूसा सीट से जीत हासिल की। गोवा के छह बार मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे इस बार भी पोरिम सीट पर झंडा फहराने में सफल रहे।
यहाँ किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला . कांग्रेस को 17 और बीजेपी 13 सीटे मिली हैं . जिसके कारण सरकार बनाने को लेकर दोनों आमने सामने हैं .
3) पंजाब : पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तो अपनी परंपरागत सीट लंबी पर प्रतिष्ठा बचाने में सफल रहे पर उनको सत्ता से कांग्रेस के हाथों बेदखल होना पड़ा। वहीं, बादल के मुकाबले लंबी सीट से ताल ठोंकने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस सीट पर मात खानी पड़ी। हालांकि, वह अपनी परंपरागत सीट पटियाला पर परचम लहराने में कामयाब रहे। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल भी जलालाबाद सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार व सांसद भगवंत मान को पटखनी दी।
4) उत्तराखंड : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को दोनों सीटों पर पटखनी खानी पड़ी। रावत हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा विधानसभा सीटों पर पराजित हुए।
5 ) मणिपुर : मणिपुर में मुख्यमंत्री ओबराम इबोबी सिंह ने थाऊबल सीट पर सामाजिक कार्यकर्ता शर्मिला इरोम को आसानी से चित कर दिया।