नए घर में प्रवेश से पहले कुछ बातों का रखें ध्यान
नये मकान में प्रवेश से पहले या घर खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। वास्तु-ज्योतिष के अनुसार मकान क्या लाभ एवं हानि देते हैं इस पर विचार करना आवश्यक है। घर लेते समय एवं निवास में प्रवेश के बाद कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिये। किसी भी रास्ते का अथवा गली का अंतिम मकान अशुभ होता है, यह कष्ट देने वाला होता है, (जहाँ रास्ता न हो)।एक ही दीवार से दो मकान बने हुए हों,(संयुक्त हों) तो वह यमराज के समान कष्ट देने वाले होते हैं। मालिक कष्ट में रहता है।
मकान पूर्व में उत्तर में हमेशा नीचा एवं पश्चिम में ऊँचा होना चाहिए। मकान दक्षिण में यदि ऊँचा है तो धनवृद्धि एवं पश्चिम में नीचा है तो धन का नाश करता है।घर के चारों तरफ एवं मेन गेट के सामने कुछ जगह छोड़ना चाहिए, यह लाभदायक रहती है।घर ऐसा बनाना चाहिए जिसमें मंदिर, के स्थान (देवालय) में सूर्य किरणें पड़ें, वरना अशुभ होता है।
हमेशा याद रखें पश्चिम से पूर्व की तरफ जो मकान लंबा होता है, वह ‘सूर्यबेधी’ कहलाता है एवं उत्तर से दक्षिण की ओर वाला मकान ‘चंद्रबेधी’ कहलाता है। शास्त्रों के अनुसार चंद्रबेधी मकान शुभ होता है। मकान में यदि आप आँगन छोड़ते हैं तो ध्यान रखें वह चंद्रबेधी हो। मकान के कुछ भाग में मिट्टी अवश्य होना चाहिए। पंचक में घर को लीपना, पुताई करना, जलाऊ लकड़ी लाना अशुभ होता है। (पंचक धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद एवं रेवती के बीच रहता है।) नए घर में मेन गेट का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसके टूटने से स्त्री को कष्ट होता है। नए घर में कोई वस्तु टूट जाती है, तो घर में किसी सदस्य की मृत्यु या मृत्यु समान कष्ट होता है। घर में टूटी खाट, टूटे बर्तन, टूटे-फूटे आसन एवं टूटी सायकल अथवा टूटे वाहन अशुभ फल देते हैं।
घर के अंदर बड़े वृक्ष नहीं होना चाहिए क्योंकि बड़े वृक्ष की जड़ में साँप, बिच्छू अपना स्थान बनाते हैं जोकि अशुभ होता है। व्यक्ति को हमेशा अपने भविष्य को शुभ मानकर मकान में सच्चे मन से प्रवेश करना चाहिए एवं शांतिपूर्वक जीवन बिताना चाहिए। इसलिए दोनों (पति-पत्नी) घर बनाते या लेते समय मन को साफ एवं स्वच्छ रखें एवं अपने इष्ट देवता, कुलदेवता के साथ पितरों का आशीर्वाद लेकर गृह प्रवेश करना चाहिए। आपको घर हमेशा सुख समृद्धि देगा।