नई दिल्ली । इस बार का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस (Republic day) पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जाएगा। सरकार ने तय किया है कि अब हर साल गणतंत्र दिवस का पर्व 23-30 जनवरी तक सप्ताह भर का होगा। समारोह 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती से शुरू होकर 30 जनवरी को शहीद दिवस (Martyrs Day) तक चलेंगे। राजपथ (rajapath) पर होने वाली भव्य परेड में भारत अपनी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है।
पहली बार कई अनूठी पहल
मुख्य परेड की शुरुआत राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के ‘शहीदों को शत शत नमन’ कार्यक्रम से होगी। पहली बार भारतीय वायु सेना के 75 विमान और हेलीकॉप्टर भव्य फ्लाईपास्ट करेंगे। रक्षा और संस्कृति मंत्रालयों की ओर से आयोजित राष्ट्रव्यापी वंदे ‘भारतम नृत्य प्रतियोगिता’ के माध्यम से चुने गए 480 नर्तकियां राजपथ पर परेड के दौरान अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। प्रत्येक 75 मीटर में दस स्क्रॉल और दर्शकों के बेहतर देखने के अनुभव के लिए 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। पहली बार राजपथ पर परेड सुबह 10 बजे के बजाय 10:30 बजे शुरू होगी। राष्ट्रपति भवन के बाहर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह के लिए ‘ड्रोन शो’ की योजना बनाई गई जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित एक हजार ड्रोन आसमान से उतारकर भव्य नजारा पेश करेंगे। ‘वीर गाथा’ प्रतियोगिता में चयनित 25 बच्चों को 10-10 हजार रुपये के नकद पुरस्कार दिए गए।
कैसे होगी राजपथ पर परेड की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण और शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए राजपथ पर सलामी मंच पर जाएंगे। परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। परेड की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के सलामी लेने के साथ होगी। परेड के कमांडर दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा होंगे। दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आलोक काकर परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कप्तान) योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स (सेवानिवृत्त) और सूबेदार (मानद लेफ्टिनेंट) संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता कर्नल डी श्रीराम कुमार जीप पर डिप्टी परेड कमांडर का अनुसरण करेंगे।
भारतीय सेना की टुकड़ी
तत्कालीन ग्वालियर लांसर्स की वर्दी में पहला दल मेजर मृत्युंजय सिंह चौहान के नेतृत्व में घुड़सवार होगा। यह दुनिया में एकमात्र सक्रिय सेवारत हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है जिसे 01 अगस्त, 1953 को छह राज्य बलों की घुड़सवार इकाइयों के साथ स्थापित किया गया था। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के माउंटेड कॉलम, 14 मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स (एएलएच) करेंगे। एक टैंक पीटी-76 और सेंचुरियन (ऑन टैंक ट्रांसपोर्टर) और दो एमबीटी अर्जुन एमके-I, एक एपीसी टोपास और बीएमपी-I (ऑन टैंक ट्रांसपोर्टर) और दो बीएमपी-II, एक 75/24 टोड गन (वाहन पर) और दो धनुष गन सिस्टम, एक पीएमएस ब्रिज और दो सर्वत्र ब्रिज सिस्टम, एक एचटी-16 (ऑन व्हीकल) और दो तरंग शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, एक टाइगर कैट मिसाइल और दो आकाश मिसाइल सिस्टम मैकेनाइज्ड कॉलम में मुख्य आकर्षण होंगे। सेना के छह मार्चिंग दस्तों में राजपूत रेजिमेंट, असम रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट, सिख लाइट रेजिमेंट, आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स और पैराशूट रेजिमेंट शामिल होगी। इसके अलावा मद्रास रेजिमेंटल सेंटर का संयुक्त बैंड, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर, मराठा लाइट रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू और कश्मीर लाइट रेजिमेंटल सेंटर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और स्कूल, 14 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी सप्लाई कॉर्प्स सेंटर और कॉलेज, बिहार रेजिमेंटल सेंटर और सेना सलामी मंच के आगे आयुध वाहिनी केंद्र भी मार्च पास्ट करेगा।
भारतीय नौसेना दल
नौसेना के मार्चिंग दस्ते में 96 युवा नाविक और लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा के नेतृत्व में चार अधिकारी आकस्मिक कमांडर के रूप में शामिल होंगे। इसके बाद नौसेना की झांकी होगी जिसे भारतीय नौसेना की बहुआयामी क्षमताओं को प्रदर्शित करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत प्रमुख प्रेरणों को उजागर करने के उद्देश्य से बनाया गया है। झांकी के आगे के भाग में 1946 के नौसेना विद्रोह को दर्शाया गया है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। पिछला भाग 1983 से 2021 तक भारतीय नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को दर्शाता है। एलसीए नौसेना के साथ नए विक्रांत का मॉडल हवा में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों के मॉडल से घिरा हुआ है। ट्रेलर के किनारों पर लगे फ्रेम भारत में भारतीय नौसेना प्लेटफार्मों के निर्माण को दर्शाते हैं।
भारतीय वायुसेना की टुकड़ी
भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में 96 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल हैं और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रशांत स्वामीनाथन करेंगे। वायु सेना की झांकी का शीर्षक ‘भारतीय वायु सेना, भविष्य के लिए परिवर्तन’ है। झांकी में एंटी टैंक ध्रुवस्त्र मिसाइल, मिग-21, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और अश्लेषा एमके 1 राडार से लैस स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर को दर्शाया गया। पहली बार वायुसेना की सबसे बड़ी टुकड़ी 75 विमानों के साथ फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेगी। परेड में पांच राफेल लड़ाकू विमान ‘विनाश’ फॉर्मेशन में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरेंगे। भारतीय नौसेना के मिग-29के और पी-8आई टोही विमानों ने ‘वरुण’ फॉर्मेशन में और ’75’ नंबर के आकार में 17 जगुआर लड़ाकू विमान आसमान में गर्जना करेंगे। इसके अलावा एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के साथ चार एमआई-17 वी 5 विमान ‘रुद्र’ फॉर्मेशन में बड़े फ्लाईपास्ट का हिस्सा बनेंगे। राफेल, सुखोई, जगुआर, एमआई-17, सारंग, अपाचे और डकोटा जैसे पुराने और वर्तमान आधुनिक विमान व हेलीकॉप्टर राहत, मेघना, एकलव्य, त्रिशूल, तिरंगा, विजय और अमृत फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे। समारोह का समापन राष्ट्रगान और तिरंगे गुब्बारों को उड़ाने के साथ होगा।
राज्यों की झांकियां
गणतंत्र दिवस परेड में 12 राज्यों की झांकियां शामिल होंगी जिसमें अरुणाचल प्रदेश की झांकी में एंग्लो-अबोर (आदि) युद्ध, हरियाणा की झांकी में खेलों में नंबर 1, छत्तीसगढ़ की झांकी में गोधन न्याय योजना: समृद्धि का एक नया मार्ग, गोवा की झांकी में ‘गोवा की विरासत के प्रतीक’, गुजरात की झांकी में गुजरात के आदिवासी क्रांतिकारी, जम्मू और कश्मीर की झांकी में ‘जम्मू-कश्मीर का बदलता चेहरा’ दिखाया गया है। कर्नाटक की झांकी में ‘कर्नाटक: पारंपरिक हस्तशिल्प का उद्गम स्थल’, महाराष्ट्र की झांकी में जैव विविधता और महाराष्ट्र के राज्य जैव-प्रतीक, मेघालय की झांकी में महिला नेतृत्व वाली सहकारी समितियों को श्रद्धांजलि, पंजाब की झांकी में स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब का योगदान, उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी विश्वनाथ धाम और उत्तराखंड की झांकी में राज्य की प्रगति को दर्शाया गया है।
केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियां
इसके अलावा नौ केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियां भी परेड का हिस्सा होंगी जिसमें शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की झांकी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी में ‘उड़ान-उड़े देश का आम नागरिक’, संचार मंत्रालय व डाक विभाग की झांकी का विषय ‘भारतीय डाक: 75 वर्ष @ संकल्प – महिला अधिकारिता’ रखा गया है। गृह मंत्रालय की झांकी में सीआरपीएफ की वीरता और बलिदान की गाथा बताई गई है। इसके अलावा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (सीपीडब्ल्यूडी), कपड़ा मंत्रालय,कानून और न्याय मंत्रालय, न्याय विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता विभाग और संस्कृति मंत्रालय की झांकियां भी परेड में दिखाई देंगी। झांकियों के बाद बीएसएफ की सीमा भवानी मोटरसाइकिल टीम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के हिमवीर मोटर साइकिल प्रदर्शन करेंगे।
डिजिटल पंजीकरण
कोरोना महामारी के मद्देनजर ऑनलाइन लाइव समारोह देखने के लिए MyGov पोर्टल https://www.mygov.in/rd2022/ पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। दर्शकों को लोकप्रिय पसंद श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल और झांकी के लिए वोट करने का भी मौका मिलेगा। परेड देखने के लिए केवल कोरोना की दोनों डोज लेने वाले वयस्क और एक खुराक लेने वाले किशोर जा सकेंगे। 15 साल से कम उम्र के बच्चों को अनुमति नहीं दी जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पालन किया जाएगा और मास्क पहनना अनिवार्य है। महामारी को देखते हुए इस वर्ष कोई भी विदेशी दल भाग नहीं लेगा। गणतंत्र दिवस परेड के साथ-साथ ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह देखने के लिए ऑटो-रिक्शा चालकों, निर्माण श्रमिकों, सफाई कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कुछ वर्गों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा।