नई दिल्ली, 04 जनवरी = चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के एलान और 1 फरवरी को आगामी आम बजट के मद्देनजर कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने इस पर ऐतराज जताते हुए चुनाव आयोग और राष्ट्रपति को इस संबंध में एक पत्र लिखा है।
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र सरकार तय वक्त से पहले बजट लाकर यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में फायदा लेना चाहती है। इससे पहले संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार (3 जनवरी) को फैसला किया था कि बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा और फिर 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश कर देंगे। इसका मतलब साफ है कि इस बार बजट तय समय से लगभग 3 हफ्ते पहले लाया जाएगा। वर्ना लगभग हर बार बजट 28 फरवरी को लाया जाता है।
इस बीच बुधवार को चुनाव आयोग ने भी पांच राज्यों में होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। विपक्षी पार्टियों ने पत्र में केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार लोगों को रिझाने वाली स्कीम्स लाकर चुनावी फायदा लेना चाहती है। इसलिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार को जल्दी बजट लाने से रोका जाना चाहिए। पत्र में साल 2012 का भी जिक्र किया गया है। विपक्षी पार्टी के अनुसार 2012 में भी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव थे लेकिन यूपीए सरकार ने बजट को 16 मार्च तक के लिए आगे बढ़ा दिया था।
जिन लोगों ने पत्र पर साइन किए हैं उनमें राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सीपीआई(एम) के सीताराम येचूरी, सपा के राम गोपाल यादव और जेडीयू के शरद यादव शामिल हैं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जल्दी बजट आने से चुनाव में होने वाले मतदान पर प्रभाव पड़ना तय है।