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तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को मिलेगा लोहिया सम्मान

लखनऊ, 15 नवम्बर (हि.स.)। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को ‘समाजवादी चिंतन व बौद्धिक सभा’ लोहिया सम्मान से विभूषित करेगी। सभा ने दलाई लामा को लोहिया सम्मान देने की आधिकारिक जानकारी दे दी है और तिब्बती धर्मगुरु की भी सहमति मिल गई है।

संगठन के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने बुधवार को ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को सम्मानित किया जायेगा। यह सम्मान समारोह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित मक्लोडगंज शहर में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह सम्मान महात्मा गांधी व डॉक्टर लोहिया की साझा वैचारिक विरासत को आगे बढ़ाने वाली विभूतियों को सांकेतिक सम्मान स्वरूप दिया जाता है।

मिश्र के अनुसार, दलाई लामा कई दशक से तिब्बत की स्वतंत्रता व अस्मिता की लड़ाई लड़ रहे हैं। चीन की उपनिवेशवादी नीति के विरुद्ध लोहिया सदैव आवाज उठाते रहे। उन्होंने दलाई लामा व दलित तिब्बतियों की आवाज पहली बार 1949 में लंदन-कांफ्रेन्स और भारतीय संसद में 30 जून व 14 जुलाई 1967 को पूरी प्रतिबद्धता से उठाया था। उन्होंने चीन के तिब्बत पर हमले को ‘शिशु-हत्या’ की संज्ञा दी थी। लोहिया ने तिब्बतियों के समर्थन में व्यापक अभियान चलाया था, जिसमें रवि राय, अटल बिहारी बाजपेयी, जॉर्ज फर्नाण्डीज, सामदोंग रिंपोछे व ग्याल्त्सेन ग्योरी सदृश विभूतियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। लोहिया की ही प्रेरणा से वर्तमान न्यायमूर्ति एमसी छागला की अध्यक्षता में तिब्बत समर्थक संसदीय मंच का गठन हुआ।

दीपक मिश्र ने बताया कि इसके पहले यह सम्मान मॉरीशस सोशलिस्ट मिलिटेण्ट के संस्थापक अध्यक्ष व मॉरीशस के प्रधानमंत्री रहे सर अनिरुद्ध जगन्नाथ, लोहिया के शिष्य व लोकसभा अध्यक्ष रहे रवि राय तथा प्रथम लोकसभा (1952-57) के सदस्य लोहिया के मणिपुर सत्याग्रह के सहभागी एवं मणिपुर के कई बार मुख्यमंत्री बने नेता प्रतिपक्ष रहे रीशांक कीशिंग को दिया जा चुका है।

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