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जेपी समूह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, हजार करोड़ जमा कराएं तब आगे की बात

नई दिल्ली, 06 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। आज जब जेपी समूह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो फिलहाल 400 करोड़ रुपये ही जमा कर पाएगी तो सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप कम से कम अपनी विश्वसनीयता साबित करने के लिए एक हजार करोड़ रुपये जमा कीजिए। मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी ।

सुप्रीम कोर्ट जेपी एसोसिएट्स को पहले ही आदेश दे चुकी है कि पहले वे दो हजार करोड़ रुपये जमा करें। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जेपी एसोसिएट्स फ्लैट खरीददारों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकता है। 

पिछले 18 सितंबर को जेपी समूह के करीब चार सौ फ्लैट खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया और मांग की कि उपभोक्ता कानून के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान दी जाए। इन फ्लैट खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि जेपी एसोसिएट्स की संपत्ति को जेपी इंफ्राटेक को ट्रांसफर किए जाने के मामले की जांच की जाए।

पिछले 11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने के एनसीएलटी के इलाहाबाद बेंच के फैसले पर अपने आदेश में संशोधन करते समय जेपी समूह को निर्देश दिया था कि वो 27 अक्टूबर तक दो हजार करोड़ रुपये जमा करे। कोर्ट ने कहा था कि जेपी ग्रुप का प्रबंध निदेशक और कोई भी निदेशक बिना कोर्ट की पूर्व अनुमति के विदेश नहीं जा सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी के इलाहाबाद बेंच के दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने को हरी झंडी दे दी। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को चलानेवाले इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को निर्देश दिया था कि वे 45 दिनों के अंदर पूरी योजना बताएं।

पिछले 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह को निर्देश दिया था कि वो कैलिप्सो प्रोजेक्ट के दस फ्लैट खरीददारों को देर से कब्जा देने की वजह से पांच लाख रुपए का मुआवजा दे। कोर्ट ने कहा था कि यह अंतरिम मुआवजा है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट धारकों को अपना फ्लैट बेचने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि इससे असली फ्लैट खरीददारों को मदद मिलेगी।

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