Uttarakhand.पिथौरागढ़/झूलाघाट, 17 मार्च = जिले में भारत नेपाल के मध्य काली नदी पर बना झूला पुल जर्जर होता जा रहा है। पुल में बिछाई गई लकड़ी सड़ रही है। पुल की दीवारों को नालियों का पानी कमजोर कर रहा है। ऊपर से अब पुल के नीचे डाले गए कूड़े में विस्फोट होने से पुल की सुरक्षा खतरे में है।
बताते चले कि जिले में भारत और नेपाल के मध्य पांच पुल हैं। जिसमें दो पुलों के निर्माण और रखरखाव का जिम्मा नेपाल के पास तो तीन पुलों की जिम्मेदारी भारत के पास है। झूलाघाट पुल का रखरखाव भारत करता है। पुल निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी लोनिवि के पास है। झूलाघाट के झूलापुल के स्थान पर मोटर पुल निर्माण होना है।
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यह मामला विगत दस वर्षों से अटका है। इस बीच वर्तमान झूला पुल की अनदेखी की जा रही है। पुल में बिछाई गई लकड़ी सड़ने लगी है। दूसरी तरफ पुल की दीवारों पर झूलाघाट कस्बे की नालियों का पानी बहता है। जिस दीवार पर पुल टिका है उसी दीवार पर नालियों का पानी तो जाता ही है ऊपर से नाले का पानी भी यहीं पर गिरता है। जिससे दीवार भी खतरे में है।
विभाग ने पुल की देखरेख की कोई व्यवस्था नहीं है। इसी स्थान पर झूलाघाट के लोग कूड़ा डालते हैं। पुल के पास कूड़ा डालने में प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। जिस कारण पुल खतरे में आ रहा है। क्षेत्र की जनता का कहना है कि भारत और नेपाल के मध्य सबसे अधिक व्यस्ततम पुल के प्रति विभाग, प्रशासन और एसएसबी लापरवाह बने हैं।