झुंझुनू,15 नवम्बर(हि.स.)। राजस्थान पर्यटन विभाग ने 14 साल पहले आबूसर ग्राम के पास 25 बीघा जमीन पर 89.57 लाख रुपए खर्च कर जो शिल्पग्राम बनाया था वो आज जंगल में बदल चुका है। पर्यटन विभाग ने शिल्पग्राम की कोई सुध नहीं ली। आज यह शिल्प ग्राम बदमाशों व आवारा लोगों का अड्डा बना हुआ है। शिल्पकारों के बैठने के लिए बनाई कला दीर्घा गेस्ट हाउस के खिडक़ी-दरवाजे तक गायब हो गए हैं।
शिल्पग्राम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ओपन थियेटर, चार दीवारी खंबों का निर्माण, जल संग्रहण के लिए तालाब, पारम्परिक जोहड़, शिल्पकारों के बैठने के लिए ग्रामीण लुक देती पक्की झोपडिय़ां, भूमिगत थियेटर बना था। मुख्य दीवार से प्लाजा सर्किल तक पक्की सडक़ का निर्माण करवाया गया था। शेखावाटी का लुक देता कुआं, पैदल मार्ग बनवाए थे। प्रवेश द्वार पर कलात्मक झोपड़ी बनाई गयी थी। हनुमानजी का मंदिर भी बनाया था। यहां 2003 में 800 पौधे लगाए थे। अब इनमें से करीब 60-70 पेड़ ही बचे हैं बाकी सभी देखरेख के अभाव में नष्ट हो गये। पर्यटन विभाग झुंझुनू ने यहां की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार को कई पत्र लिखे, लेकिन आज तक कोई व्यवस्था नहीं की गई। यहां बने गेस्ट हाउस के दरवाजे गायब हो गए हैं। छत उखडऩे लगी है। 2003 में शिल्पग्राम में तरण ताल भी बनाया था। विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण अब इस तरण ताल की ऐसी हालत हो गई है कि आज इसमें पानी की जगह कीचड़ पड़ा हुआ है।
पर्यटन विभाग ने अप्रैल 2003 से मार्च 2005 तक शिल्प ग्राम की दो बीघा जमीन तीन साल के लिए आबूसर ग्राम विकास समिति को रेस्टोरेंट चलाने के लिये किराए पर दिया था जिन्होंने यहां रेस्टोरेंट चलाया। मगर बाद में वो भी बन्द हो गया। जिस उद्देश्य को लेकर शिल्पग्राम बनाया गया था वह पूरा नहीं हुआ। अब इसे लीज पर देने की तैयारी चल रही है। जिले में 14 साल में पांच सहायक पर्यटन निदेशक बदले लेकिन शिल्पग्राम को शुरू करने की एक ने भी कोशिश नहीं की। जिला उद्योग केंद्र ने पर्यटन विभाग को कई बार पत्र लिखा कि वो शिल्पग्राम संचालन के लिए डीआईसी को दे देवे, मगर कुछ नही हुआ। अब पर्यटन विभाग ने झुंझुनू शहर के मंडावा मोड़ पर बनी विभाग की होटल की तरह इसे भी निजी हाथों में देने की तैयारी में लगा है।
झुंझुनू पर्यटन अधिकारी अशोक व्यास का कहना है कि शिल्प ग्राम को किराए लीज पर लेने से लोगों ने रुचि दिखाई है। इसी साल दो लोगों ने किराए लीज पर लेने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव राज्य पर्यटन विभाग को भेजे जाएंगे।