गुजरात- जातिवाद हारा, विकास ही जीता- सरोज पांडे
नई दिल्ली, 18 दिसम्बर (हि.स.)। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की जीत पर पार्टी की एकमात्र महिला महासचिव सुश्री सरोज पांडे ने कहा कि यह एक कठिन मुकाबले के बाद हर्षित करने वाला क्षण है। सरोज पांडे का कहना था कि कांग्रेस ने जो जातिवादी कार्ड चला, उससे बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी। कारण साफ है कि जाति के आह्वान व आरक्षण के आश्वासन के चलते लोगों की भावनाएं उद्वेलित व प्रभावित होती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में सुश्री सरोज पांडे ने कहा कि गुजरात के इस चुनाव को हम पहले दिन से ही आसान मानकर नहीं चल रहे थे। इसके कई कारण थे। पहला तो यही कि अब नरेन्द्र मोदी वहां का नेतृत्व नहीं कर रहे थे, जिसकी की गुजरातवासियों को आदत सी लग गई है। दूसरे, हम वहां 22 साल से लगातार शासन में हैं। ऐसे में लोग विकास के बावजूद भी बदलाव चाहते हैं। तीसरे, कांग्रेस की शह पाकर खड़े हुए जातिवादी आंदोलनों ने भाजपा के खिलाफ एक माहौल बनाने का प्रयास किया। चौथी बात, सारा विपक्ष मिलकर वहां भाजपा या कहें कि नरेन्द्र मोदी को हरा देने के लिए एकजुट था ताकि वे केन्द्र सरकार पर दबाव बना सकें।
इन सब जमीनी सचाईयों को जानते हुए हमने भी व्यापक तैयारी की। पूरी रणनीति बनाकर चुनाव लड़ा। कांग्रेस के जातिवाद के मुकाबले हमने विकास पर ही ध्यान केन्द्रित किया। परिणाम बता रहे हैं कि आखिरकार विकास ही जीता, जातिवाद हारा। जिन्होंने कहा कि विकास पागल हो गया, अब भी वे समझ लें कि विकास पागल नहीं होता, जनता को भी पागल नहीं बनाया जा सकता। सत्ता की चाह में कुछ लोग जातिवादी वोटों के लिए जरूर पगला जाते हैं।
सरोज पांडे का कहना है कि गुजरात में भाजपा की जीत नरेन्द्र मोदी की ही जीत है। पर इसका यह मतलब नहीं कि राज्य का नेतृत्व पूरी तरह से निष्प्रभावी रहा। राज्य में भाजपा का संगठन और उसका कार्यकर्ता निचले स्तर तक पूरे मनोयोग से काम कर रहा था। उस पर किसी भी तंत्र के झूठे प्रचार का असर ही नहीं हुआ।
सरोज पांडे का कहना है कि कांग्रेस का अध्यक्ष पर संभालने के बाद राहुल गांधी के पहले भाषण से उन्हें घोर निराशा हुई। लगा ही नहीं कि वह किसी बड़ी पार्टी के अध्यक्ष द्वारा पद ग्रहण करने पर दिया गया भाषण है। वे एक चुनावी रैली की तरह भाजपा को नसीहत दे रहे थे, जिसका कोई मतलब ही नहीं था।