गायब डॉक्टर को ढूंढने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग
प्रतापगढ़, 12 अप्रैल = सूबे में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी ने सभी सरकारी विभागों के पेच कसने शुरू किये। उनके आदेशों की जद में स्वास्थ्य विभाग भी आया। जिसका असर कुछ डाक्टरों और कर्मियों पर पड़ा लेकिन अब भी कुछ लोग इस विभाग को चारागाह समझ कर अपनी ड्यूटी से नदारद है। कागजी आकड़ो पर पद पर जमे कुछ डॉक्टर और कर्मी अब भी ड्यूटी से नदारद है। मजे की बात यह है कि महीनों से गायब इन कर्मियों की खबर तक को भी नहीं है कि वे कहां हैं और काम करेगें या नहीं।
जिले के बाबागंज विकास खंड के महेशगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला चिकित्सक और एलए काफी दिनों से गायब है लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई भी विभागीय कार्यवाही नहीं हुई है। महिला चिकित्सक शिखा सचान ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में ज्वॉइन तो किया लेकिन ज्वाइनिंग करने के बाद और दो माह से अधिक का भी समय बीत जाने के बाद आज तक वो अस्पताल नहीं आई। वो कहाँ गई और क्या कर रही हैं। इस बात की जानकारी अधिकारियों तक को नहीं है। इसी अस्पताल में एल ए के पद पर तैनात प्रमोद कुमार होली के पहले से गायब है। उसके बारे में भी किसी भी अधिकारी को कोई जानकारी नहीं है। एल ए के न होने से मरीजों को अपने खून की जांच कराने के लिए सीएचसी कुंडा या निजी पैथालॉजी का सहारा लेना पड़ रहा है।
उधर महिला चिकित्सक के न होने महिलाएं भी अपना इलाज नहीं करा पाती है और उनको दूर सीएचसी कुंडा इलाज के लिए जाना पड़ता है। जिससे महिलाओं को नजदीक ही महिला डॉक्टर उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लग गए हैं। सरकार भले ही डाक्टरों और अन्य कर्मियों की हाजिरी व्हॉट्स एप के जरिये आनलाइन मांगा रही हों लेकिन अधिकारियों की कृपा दृष्टि से कुछ लोग अब भी विभाग को चारागाह समझ रहें हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अधिकारी भी सब कुछ जानतें हुए नियमो का बहाना बताकर कार्यवाही नहीं कर रहें हैं। जिससे कागजी आकड़ो में तो जनता को सुविधाएं मिल रही हैं लेकिन यथार्थ के धरातल में जनता से कोसों दूर हैं।
सीएमओं डाक्टर यूके पाण्डे, डॉक्टर शिखा सचान के न आने की जानकारी है, डाक्टर आएंगी या नहीं, इस बारे में जानकारी नहीं है। मामले की जांच की जा रही है अगर वो काम नहीं करती है तो उसको अभी वेतन नहीं दिया जाएगा। बाद में उसकी सेवा समाप्ति के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।