गढ़चिरौली एनकाउंटर: गांव वाले गायब, नक्सलियों का दावा, पुलिस ने मारने से पहले जहर दिया
नागपुर (ईएमएस)। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पिछले दिनों एनकाउंटर में मारे गए 34 नक्सलियों का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने केमिकल विश्लेषण के लिए विसरा सुरक्षित नहीं रखा। इस वजह से अन्य नक्सलियों का आरोप है कि उनके काडर्स को गोली मारने से पहले जहर दिया गया था। एनकाउंटर करने वाली पुलिस इस समय कई सारे आरोपों का सामना कर रही है। बाद में और शव बरामद होने से मारे गए नक्सलियों की संख्या 39 पहुंच गई थी। प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रवक्ता जगन ने एक दावा किया कि पुलिस ने उनके काडर्स और कुछ निर्दोष गांव वालों को मारने से पहले जहर दिया था।
इसी के साथ दक्षिण गढ़चिरौली के गटेपल्ली गांव के निवासियों ने भी दावा किया कि उनके गांव के सात लोग 21 अप्रैल से गायब हैं। मालूम हो कि इसके एक दिन बाद 22 अप्रैल को गढ़चिरौली-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर राले कसनासुर-बोरिया जंगल में एनकाउंटर की सूचना मिली थी। उनका कहना है कि उनका एक समूह कसनासुर में एक शादी समारोह में गया था। प्रतिबंधित संगठन का डिविजनल कमेटी मेंबर साइनाथ भी गटेपल्ली का रहने वाला था, जो एनकाउंटर में मारा गया। गटेपल्ली से एक सूत्र ने बताया कि करीब 8 लोग भी गांव से कसनासुर में शादी में शरीक होने गए थे। हालांकि आयोजकों का कहना है कि इनमें से कोई भी उनके यहां नहीं आया था। गटेपल्ली के ग्रामीणों का मानना है कि आठों को एनकाउंटर में मार दिया गया है। इनमें से एक लाश की पहचान सरकारी अस्पताल के शवगृह में की गई थी। वहीं पुलिस का कहना है कि इन आठों लोगों को शादी में आमंत्रित नहीं किया गया था। इलाके में ऐसी अफवाह जोरों पर है कि पुलिस ने एक पूर्व काडर से होमगार्ड बने व्यक्ति की मदद से शादी समारोह में खाने में जहर मिलाया था। कई नक्सली दूसरे दिन एक और एनकाउंटर में मार दिए थे।
वह भी 21 अप्रैल को शादी में गए थे। इसके अलावा कहा जा रहा है कि इंद्रावती नदी के दूसरी ओर आराम कर रहे नक्सलियों के लिए भी बड़ी मात्रा में खाना भेजा गया था। गढ़चिरौली के एसपी डॉ. अभिनव देशमुख ने कहा, पहले डॉक्टरों ने मारे गए नक्सलियों का विसरा प्रिजर्व नहीं किया था, क्योंकि मौत का कारण स्पष्ट था। न ही हमें किसी संदेह के आधार पर विसरा प्रिजर्व करने और केमिकल विश्लेषण के लिए भेजने को कहा गया था। देशमुख ने कहा कि मृतकों के डीएनए सैंपल्स प्रिजर्व कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा, हम गटेपल्ली के परिवारों का भी डीएनए टेस्ट करा रहे हैं, ताकि उन शवों के साथ इन्हें मैच कराया जा सके, जिनकी पहचान नहीं हुई है। उधर तेलंगाना स्टेट कमेटी के नक्सलियों ने इसे फेक एनकाउंटर कहा और प्रेस रिलीज जारी कर चार मई को इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद कराने की घोषणा की।