किन्नर भी करते हैं एक रात के लिए शादी, दूसरे दिन करते हैं विधवा बनकर विलाप!
मुंबई :=आपको ये जानकर हैरानी होगी की कि किन्नरों के भी अपने भगवान होते है .और उन्हीं के साथ ये एक रात के लिए शादी करते हैं. और उससे भी बड़ी बात ये है कि यह शादी सिर्फ एक रात के लिए ही होती है. आखिर किन्नरों के भगवान कौन है? ये तो आप जरूर जानना चाहेंगे? किन्नरों के भगवान कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हैं. किन्नरों के भगवान हैं ‘इरावन’ जिन्हें ‘अरावन’ के नाम से भी जाना जाता हैं. ये अर्जुन और नाग कन्या उलूपी की संतान है. इरावन’ किन्नरों के भगवान कैसे बने और क्यों एक रात के लिए वह इनसे विवाह करते हैं, यह कहानी महाभारत के युद्ध से संबंधित है. किन्नरों की शादी का जश्न तमिलनाडु के कूवगाम में हर साल तमिल नव वर्ष की पहली पूर्णीमा से शुरु होता है जो 18 दिनों तक चलता है. उत्सव के 17 वें दिन किन्नरों की शादी होती है. श्रृंगार किए किन्नरों को पुरोहित मंगलसूत्र पहनाते हैं और इनका विवाह सपन्न हो जाता है. विवाह के अगले दिन इनके भगवान ‘इरवन’ देवता की मूर्ति को शहर में घुमाया जाता है और फिर उसे तोड़ दिया जाता है. इसके साथ ही किन्नर अपना श्रृंगार उतारकर एक विधवा की तरह विलाप करने लगते है. एक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध से पहले पांडवों ने मां काली की पूजा की। जिसमें एक राजकुमार की बलि देनी थी। लेकिन जब कोई भी राजकुमार इसके लिए तैयार नहीं हुआ तो इरावन ने कहा कि वह बलि के लिए तैयार है, लेकिन एक शर्त पर। वह बिना शादी किए बलि नहीं चढ़ेगा। अब पांडवों के सामने विकट परिस्थिति बन गई कि एक दिन के लिए कौन सी राजकुमारी इरावन से विवाह करेगी और अगले दिन विधवा होना चाहेगी। इस समस्या के समाधान के लिए भगवान श्री कृष्ण स्वयं मोहिनी रूप धारण करके आ गए और इरावन से विवाह किया। अगले दिन इरावन की बलि दे दी गई और श्री कृष्ण ने विधवा बनकर विलाप किया। उसी घटना को याद करके किन्नर इरावन को अपना भगवान मानते हैं और एक रात के लिए विवाह करते हैं।