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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018: अलग हैं कांग्रेस-बीजेपी के वादे

बेंगलुरु (ईएमएस)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अब केवल एक हफ्ते का वक्त बचा है। राज्य में सत्ता पर काबिज कांग्रेस एक हफ्ते पहले घोषणा पत्र जारी कर चुकी है। वहीं, देशभर में हाल के समय में अलग-अलग राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मिली जीत का सिलसिला जारी रखने की उम्मीद लगाए बैठी भाजपा ने भी शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया है। क्या हैं दोनों बड़ी पार्टियों के वादों और घोषणा पत्रों में अंतर।

कृषि:-

लंबे समय से सूखे की मार झेल रहे कर्नाटक में किसानों के लिए सिंचाई एक बड़ी समस्या बनी रहती है। एक ओर महादयी नदी को लेकर गोवा से, तो दूसरी तरफ कावेरी नदी को लेकर तमिलनाडु से राज्य का विवाद चलता आ रहा है। बीजेपी ने किसानों से ऋणमाफी का वादा करते हुए उन्हें लुभाने की कोशिश की है। पार्टी के घोषणा पत्र में एक लाख रुपए तक के लोन को माफ करने का वादा किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत का डेढ़ गुना करने का वादा भी किया गया है। सिंचाई योजनाओं के लिए 150 हजार करोड़ के आंवटन की बात भी कही गई है।
उधर, कांग्रेस के घोषणा पत्र से ऋणमाफी गायब है। पार्टी ने राज्य में 10 ऐग्रो-क्लाइमेटिक जोन्स को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए ऐग्रिकल्चरल कॉरिडोर बनाने का वादा किया है। इसके जरिए कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उत्पाद बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। राज्य में ऑर्गैनिक फार्मिंग को बढ़ावा देते हुए खेती को 100 प्रतिशत कीटनाशक मुक्त करने की बात कही गई है।

महिला:-

दोनों ही पार्टियों ने जीतने पर महिलाओं के लिए सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। हालांकि, कांग्रेस ने यह सुविधा केवल सरकारी कॉलेज और पॉलिटेक्निक में पढ़ने वाली छात्राओं को दी है, जबकि बीजेपी ने स्त्री सुविधा योजना के अंतर्गत सभी छात्राओं और गरीबी रेखा से नीचे की महिलाओं को फ्री, जबकि अन्य महिलाओं को एक रुपए कीमत पर नैपकिन देने का वादा किया है।

रोजगार:-

कांग्रेस ने हर साल 15-20 लाख और पांच साल में एक करोड़ नौकरी के मौके बनाने का वादा किया है, जबकि बीजेपी के घोषणा पत्र में रोगजार के अवसर पैदा करने से जुड़ा कोई वादा नहीं है। हालांकि, पार्टी ने सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए कन्नड़ भाषा के प्रयोग को सुनिश्चित कराने का वादा किया है। जबकि कांग्रेस ने स्किल यूनिवर्सिटी और हर तालुक में ग्रामीण विकास और स्वरोगजार शिक्षण संस्थान बनाने का वादा किया है।

छात्र:-

बीजेपी ने गरीबी रेखा से नीचे रह रहीं महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन देने का वादा किया है। छात्रों के लिए लैपटॉप देने की घोषणा भी की है। वहीं कांग्रेस ने कॉलेज के छात्रों को स्मार्टफोन और 12 साल तक बच्चों की स्कूली शिक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है। बीजेपी ने गरीबी रेखा से नीचे के छात्रों को डिग्री कोर्स के लिए तीन लाख और इंटिग्रेटेड कोर्स के लिए पांच लाख रुपए का लोन बिना ब्याज देने का वादा किया है। बीजेपी ने जहां अपने घोषणापत्र में एससी, एसटी, ओबीसी, बीपीएल छात्रों के लिए जेईई, कैट, केपीएससी और यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए स्पेशल कोचिंग सेंटर बनाने का वादा किया है, वहीं कांग्रेस ने ओबीसी छात्रों के लिए एजुकेशन एडमिशन फीस में 75 प्रतिशत राहत देने का वादा किया है।

खाद्य सुरक्षा:-

कांग्रेस ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लक्ष्य के साथ कर्नाटक को कुपोषण मुक्त करने का वादा किया है। सरकार द्वारा लागू आरोग्य भाग्य योजना का विस्तार करने के अलावा मातृपूर्ण योजना के अंतर्गत महिलाओं को बच्चों की उम्र दो साल होने तक लाभ देने का वादा भी उसने किया है। जबकि बीजेपी ने सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली योजना शुरू करने का वादा किया है। बीपीएल कार्ड धारकों को मुफ्त में खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने और एपीएल कार्ड धारकों को कम दाम पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने का वादा भी उसने किया है।

खास बात-

बीजेपी ने अपनी हिंदुत्ववादी छवि को बरकरार रखते हुए पार्टी ने मंदिरों और मठों के विकास के लिए 500 करोड़ आवंटन का वादा किया है। राजधानी बेंगलुरु में बड़ी समस्या बने प्रदूषण और पानी की कमी से निपटने के लिए पार्टी ने 2,500 करोड़ के आवंटन का वादा किया है। पीने के पानी संबंधी योजनाओं को लागू करने के लिए अलग मंत्रालय बनाने का वादा भी किया गया है।

उधर, कांग्रेस ने एक बड़ा वादा करते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय को साधने की कोशिश की है। पार्टी ने पुलिस फोर्स में ट्रांसजेंडर्स की संख्या पांच प्रतिशत और बढ़ाने का वादा किया है। साथ ही उसने कर्नाटक को टेक्नॉलजी से चलने वाला राज्य बनाने की कवायद करने और ग्लोबल इनवेशन हब बनाने का लक्ष्य तय किया है। स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देकर कर्नाटक को स्टार्ट-अप कैपिटल बनाने और इसके लिए एक करोड़ की स्टार्ट-अप सब्सिडी देने का वादा भी कांग्रेस ने किया है।

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