उन्नाव दुष्कर्म कांड : पेड़ से बांधकर की गई थी पीड़िता के पिता की पिटाई
लखनऊ (ईएमएस)। उन्नाव दुष्कर्म कांड में पुलिस का खेल ही उस पर भारी पड़ा। किशोरी के गंभीर रूप से घायल पिता को जेल भेजने के लिए उसके पास से तमंचा बरामद दिखाया गया था। आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के दबाव में स्थानीय पुलिस ने ऐसा कदम न उठाया होता, तो शायद किशोरी के पिता की जान बचाई जा सकती थी। पुलिस के साथ ही उन्नाव जिला अस्पताल व जेल के डॉक्टरों ने भी इलाज में लगातार लापरवाही बरती, जिससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई। सीबीआई इन बिंदुओं की भी सिलसिलेवार पड़ताल कर रही है। उन्नाव कांड की जांच कर रही सीबीआई आरोपी विधायक से कई चक्रों में पूछताछ कर चुकी है।
विधायक व अन्य आरोपितों के बयानों के आधार पर पूरे घटनाक्रम की कडिय़ां जोड़ी जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक किशोरी के पिता को विधायक पक्ष के लोग उसके घर से खींचकर लाए थे। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में किशोरी के पिता को पेड़ से बांधकर बर्बरता से पीटे जाने के साथ ही मौके से तत्कालीन एसओ द्वारा घायल को थाने ले जाए जाने का जिक्र है। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की जांच में पीडि़त किशोरी के पिता के पास से तमंचा बरामद होने की पुष्टि नहीं हुई थी। स्थानीय पुलिस ने घायल को जेल भेजने के लिए उसके पास से असलहा बरामद दिखाया था। पूरे मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में रही है।
अस्पताल प्रशासन भी विधायक के दबाव में था। यही कारण रहा कि गंभीर रूप से घायल को भर्ती करने के बजाए जेल भेजा गया। विधायक पक्ष के लोगों ने किशोरी के पिता के साथ दिल्ली से आए नौकर किशोर की भी पिटाई की थी। अब सीबीआई जांच में ऐसे कई तथ्य पूरी तरह से स्पष्ट होने के साथ ही कई नए तथ्य भी सामने आएंगे। दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उसके चाचा ने पिछले करीब आठ माह से पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक से पत्राचार किया। पुलिस अधिकारी से लेकर आरोपी विधायक तक के फोन पर वॉइस रिकार्डिंग कर साक्ष्य एकत्र किए। सीबीआई जांच शुरू होने के बाद यही दस्तावेज किशोरी पक्ष के उत्पीडऩ के मुख्य गवाह बने, जिन्हें लेने के लिए सीबीआई ने उसके चाचा को दिल्ली भेजा था। सीबीआई टीम एक बार फिर गेस्ट हाउस पहुंची, जहां करीब छह घंटे तक पूरे परिवार से बात की और घटना से जुड़े साक्ष्य लिए। कुल 222 शिकायती पत्रों की प्रतियां भी सीबीआई को सौंपी गईं। इस बीच दो मोबाइल फोन सिम सहित और 32 जीबी का मेमोरी कार्ड सीबीआई ने सील कर दिया।