इस वजह से केजरीवाल सरकार फिर पड़ सकती है मुसीबत में , जाने विधायको का पूरा मामला ……
नई दिल्ली (20 जनवरी) : आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है और इसकी सिफारिश राष्ट्रपति से कर दी है. पार्टी के पास केवल कोर्ट से राहत की उम्मीद है. पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से फौरी राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि विधायक चुनाव आयोग के सामने बुलाने पर भी नहीं गए. मामले की सुनवाई की तारीख लगा दी गई है. पार्टी के 20 विधायकों के इस केस के अलावा एक केस और 27 विधायकों के खिलाफ चल रहा है. यह मामला भी लाभ के पद या कहें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़ा हुआ है.
यह मामला आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान बनाई गई रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष पद पर तैनात किए गए 27 विधायकों से जुड़ा हुआ है. इन विधायकों को भी चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा था. इस मामले में भी कार्यवाही चल रही है. फिलहाल मामला कानून मंत्रालय में पड़ा हुआ है.
ये है मामला –
रोगी कल्याण समिति एक एनजीओ की तरह काम करती है जो कि अस्पतालों के प्रबंधन से जुड़ी है. इसमें इलाके के सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होते हैं. जानकारी के अनुसार इस मामले में कानून के एक छात्र विभोर आनंद ने शिकायत की थी. उसके बाद यह मामला राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. राष्ट्रपति से चुनाव आयोग के पास यह मामला आया जिसके बाद चुनाव आयोग इन विधायकों को नोटिस भेजा.
इन विधायकों में अल्का लांबा, शिव चरण गोयल, जगदीप सिंह, जरनैल सिंह (पूर्व पत्रकार), सोमनाथ भारती का नाम शामिल हैं. जानकारी के अनुसार इन्हीं समितियों को मोहल्ला क्लीनिक सभा भी कहा जाता है जिनके अध्यक्ष पदों पर आम आदमी पार्टी के विधायक काबिज बताए गए हैं. इस मामले से जुड़़े 27 विधायकों में 10 विधायक वे भी हैं जिनकी सदस्यता पर अब तलवार लटकी है. यानी पार्टी के लाभ के पद के मामले में आप के कुल 38 विधायकों पर तलवार लटक गई है.
आइए जानते हैं रोगी कल्याण समिति के क्या है अधिकार
- अस्थाई कर्मचारियों की भर्ती का अधिकार (इसमें डॉक्टर भी शामिल हैं)
- दो लाख रुपये तक के निर्माण कार्य का काम समिति अध्यक्ष की मंजूरी से.
- अस्पताल परिसर में दुकान किराए या लीज पर देने का अधिकार जिसकी कमाई समिति के पास आती है.
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जाने क्या है पूरा मामला?
दरअसल कानून के एक विद्यार्थी विभोर आनंद ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 27 आप विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष के पद पर होने के नाते लाभ के पद पर हैं लिहाजा इनकी विधायकी रद्द की जाए. शिकायत में कहा गया कि रोगी कल्याण समिति में विधायक सदस्य के तौर पर तो हो सकता है लेकिन अध्यक्ष के पद पर नहीं.
कौन हैं ये 27 विधायक और उनका विधानसभा क्षेत्र
- अल्का लाम्बा- चांदनी चौक
- शिव चरण गोयल- मोती नगर
- बन्दना कुमारी- शालीमार बाग
- अजेश यादव- बादली
- जगदीप सिंह- हरी नगर
- एस के बग्गा- कृष्णा नगर
- जीतेन्द्र सिंह तोमर- त्री नगर
- राजेश ऋषि- जनकपुरी
- राजेश गुप्ता- वज़ीरपुर
- राम निवास गोयल- शाहदरा
- विशेष रवि- करोल बाग
- जरनैल सिंह- तिलक नगर
- नरेश यादव- मेहरौली
- नितिन त्यागी- लक्ष्मी नगर
- वेद प्रकाश- बवाना
- सोमनाथ भारती- मालवीय नगर
- पंकज पुष्कर- तिमारपुर
- राजेंद्र पाल गौतम- सीमापुरी
- कैलाश गहलोत- नजफ़गढ़
- हज़ारी लाल चौहान- पटेल नगर
- शरद चौहान- नरेला
- मदन लाल- कस्तूरबा नगर
- राखी बिड़लान- मंगोलपुरी
- मोहम्मद इशराक- सीलमपुर
- अनिल कुमार बाजपाई- गांधी नगर
- कमांडो सुरेंद्र- दिल्ली कैंट
- महेंद्र गोयल- रिठाला
ख़ास बात यह है कि इन 27 विधायकों में 10 विधायक ऐसे है जो पहले से संसदीय सचिव बनाये जाने पर लाभ के पद के आरोप में विधायकी जाने का खतरा झेल रहे हैं और चुनाव आयोग इन्हीं के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया है.
दोनों सूची में जिन विधायकों का नाम शामिल हैं वे हैं ……..
1. शिव चरण गोयल- मोती नगर
2. जरनैल सिंह- तिलक नगर
3. अलका लांबा- चांदनी चौक
4.कैलाश गहलोत- नजफ़गढ़
5.अनिल कुमार बाजपेई- गांधी नगर
6. राजेश गुप्ता- वज़ीरपुर
7. नरेश यादव- मेहरौली
8. राजेश ऋषि- जनकपुरी
9. मदन लाल- कस्तूरबा नगर
10. शरद चौहान- नरेला