इशरत जहां केस तब तक लड़ूंगी, जब तक न्याय नहीं मिल जाता: साजिदा
– गुजरात पुलिस के जून 2004 में किए गए एनकाउंटर का मामला
पुणे (ईएमएस)। गुजरात पुलिस के जून 2004 में किए गए एनकाउंटर में इशरत जहां के साथ मारे गए केरल के अलप्पुझा निवासी जावेद गुलाम शेख उर्फ प्राणेश कुमार पिल्लई के 77 वर्षीय पिता एमआर गोपीनाथ पिल्लई की शुक्रवार को मौत हो गई। गोपीनाथ को एक सड़क हादसे में गंभीर चोटें आई थीं। गोपीनाथ के निधन की खबर पाकर पुणे से केरल पहुंची साजिदा ने कहा कि मेरे ससुर जी हमेशा कहते थे कि वह चाहे जिंदा रहें या नहीं, हमें इस केस को तब तक लड़ना है जब तक कि न्याय नहीं मिल जाता। मैं ऐसा करती रहूंगी और न्याय के लिए लड़ाई जारी रखूंगी। मैं अंतिम संस्कार और पुलिस औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद रविवार को पुणे लौट आऊंगी।
गौरतलब है कि पुणे में प्राणेश को पड़ोस में रहने वाली साजिदा उर्फ इशरत जहां से प्यार हो गया था, जिसके बाद उन्होंने 1995 में शादी कर ली। ठाणे की स्थानीय निवासी इशरत उस वक्त 19 वर्ष की थीं, जब वह इत्र के व्यापार में सेल्सगर्ल का काम करती थीं। सूत्रों के मुताबिक इशरत का बड़ा भाई प्राणेश का दोस्त था। कुछ हफ्तों के बाद दोनों की लाशें मिली थीं। अहमदाबाद के बाहरी क्षेत्र में उनके शव मिले थे। इस एनकाउंटर के 10 साल बाद साजिदा ने न्यूट ग्रेस स्कूल में टीचर रहीं। इसके बाद उन्होंने अपना कोचिंग क्लॉस शुरू किया। वह अपने कॉलोनी और आसपास के बच्चों को कोचिंग पढ़ाती हैं। गोपीनाथ के बारे में साजिदा ने कहा कि हमारे परिवारों के बीच संपर्क बना हुआ था।
अक्सर फोन पर बात होती थी और कभी-कभी मिलते भी थे। अंतिम बार हम पिछले साल नवंबर में मिले थे। वर्ष 2004 में एनकाउंटर के बाद राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते और पुणे पुलिस ने जावेद के घर पर तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी अभियान में शामिल एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ दस्तावेज मिलने के बाद पुलिस ने घर को सील कर दिया। सभी दस्तावेज गुजरात पुलिस को सौंप दिए गए थे। बाद में कोर्ट के आदेश पर घर का सील हटा दिया गया था।