इलाज के लिए मिस्र से भारत पहुंची 500 किलो वजनी दुनिया की सबसे मोटी महिला , प्लेन से उतारने के लिए लेना पड़ा क्रेन का सहारा .
mumbai.(11 फ़रवरी 2017) =अपने वजन से परेशान दुनिया की सबसे ज्यादा वजन वाली मिस्र की 36 वर्षीय एमन अहमद अब्दुलाती नामक महिला वजन घटाने का इलाज कराने के लिए आज मुंबई पहुंच गयीं. जिसका वजन 500 किलो है .पहले इलाज कराने आने के लिए मुंबई का वीजा नहीं मिल रहा था लेकिन बाद में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें वीजा दिला दिया।
मिस्र के एलेग्जैंड्रिया की रहने वाली एमन अहमद नामक महिला अपने वजन से काफी परेशान थी .इस महिला का वजन कम करने के लिए इसे आज प्लेन से भारत लाया गया . यहां के एक अस्पताल में महिला का वजन कम करने के लिए इलाज होगा .500 किलोग्राम वजन वाली एमन को अस्पताल ले जाने के लिए क्रेन की मदद से उस पलंग समेत उठाया गया जिस पर वह मिस्र से यहां आई हैं. डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए कहा कि एमन को इजिप्ट एयर के विमान से यहां लाया गया जो विमान सुबह करीब चार बजे मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा .और करीब दो घंटे बाद छह बजे वह सैफी अस्पताल पहुंचीं.
यात्रा के दौरान उनके लिए एक बिशेष बेड तैयार किया गया था .और वह जिस विशेष बेड पर थीं उसे क्रेन की मदद से उठाया गया. एमन को सभी सुविधाओं से लैस एक ट्रक में सैफी अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान ट्रक के पीछे एक एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी भी चल रही थी. सैफी अस्पताल में एमन के लिए खास तौर पर एक कमरा तैयार किया गया है.
चिकित्सकों ने कहा कि सर्जरी से पहले एमन करीब एक महीने तक उनकी निगरानी में रहेगी.25 सालो से वह अपने घर से बाहर नहीं निकली हैं. दुनिया की सबसे मोटी महिलाओं में से एक एमन अभी मुंबई के बेरिएट्रिक सर्जन मुफ्फाजल लकड़ावाला और उनकी टीम की देखरेख में हैं. लकड़ावाला के एक सहायक ने बताया कि वे एमन का करीब तीन महीने से इलाज कर रहे हैं.
वजन ज्यादा होने के कारण वह मिस्र के अलेक्जेंड्रिया शहर में अपने घर के बिस्तर पर ही लेटे रहने को मजबूर थी .जिसके कारण एमन को लाने के लिए सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाये हैं. डॉक्टरों ने कहा कि एमन की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को देखते हुए उसे मुंबई लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था. वह एक उच्च जोखिम वाली मरीज हैं जो पिछले 25 सालों से हिलने डुलने या अपने घर से बाहर नहीं निकल पाई है. मुंबई के सैफी अस्पताल के बेरिएट्रिक सर्जरी विभाग की प्रमुख और सेन्टर ऑफ ओबेसिटी एंड डाइजेस्टिव सर्जरी में एडवांस्ड लैप्रोस्कोपिक एंड बेरिएट्रिक सर्जन अपर्णा गोविल भास्कर और गंभीर और गहन चिकित्सा विभाग के सीनियर इनटेंसिविस्ट कमलेश बोहरा, एमन के साथ थे. डॉक्टरों ने कहा कि वह अपनी बहन शैमा अहमद के साथ आज सुबह यहां पहुंची. ज्यादा वजन और पिछले 25 वर्षों से कहीं ना जाने के कारण यात्रा के दौरान हो सकने वाले खतरों से निबटने की तैयारियों के लिए पिछले दस दिन से डॉक्टरों का एक दल मिस्र में था. एमन की सुरक्षा की जरुरतों के अनुसार मिस्र के स्थानीय कारीगरों ने विमान में एक विशेष पलंग बनाया ताकि विमान के उड़ान भरते या उतरते समय उसे किसी तरह की परेशानी न हो. एहतियाती तौर पर विमान में पोर्टेबल वेंटिलेटर, डिफाइब्रिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य दवाइयों समेत सभी आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की गयी.