नई दिल्ली, कालेधन को खत्म करने के लिए और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय ने गुरुवार से सरकारी बैंकों से नेट बैंकिंग पर लगने वाले शुल्क में कमी करने को कहा है। इस नए आदेश के मुताबिक जल्द ही आईएमपीएस और एनईएफटी (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स फंड ट्रांसफर सिस्टम) के जरिए होने वाले लेनदेन पूरी तरह मुफ्त करने की बात कही गई है। मंत्रालय ने बैंकों से कहा कि आईएमपीएस. (तत्काल भुगतान सेवा) और यूपीआई (एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस) के जरिए भुगतान के शुल्क खत्म होने चाहिए। एनईएफटी के जरिए 1,000 रुपए से अधिक के फंड को भेजने पर चार्ज लगता है, जिसे खत्म करने की बात कही गई है।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक 10,000 रुपए तक के एनईएफटी ट्रांसफर में 2.5 रुपए् की फीस लगती है। 10,000 से 1 लाख रुपए तक ट्रांसफर करने में 5 रुपए चुकाने होते हैं। वहीं, 1 से 2 लाख रुपए भेजने के लिए 15 रुपए चुकाने होते हैं। 2 लाख से अधिक की राशि स्थानांतरित करने के लिए 25 रुपए फीस कटती है। इसके अलावा सर्विस टैक्स भी चुकाना होता है।
यही नहीं मंत्रालय ने मोबाइल के जरिए होने वाले अनस्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंट्री सर्विस डेटा के जरिए 1,000 रुपए से अधिक के ट्रांजैक्शंस में भी 50 पैसे के डिस्काउंट के लिए कहा कहा है। यूएसएसडी मोबाइल शॉर्ट कोड मेसेज होता है, जिसे मुख्य तौर पर फीचर मोबाइल के जरिए बैंकिंग में इस्तेमाल किया जाता है। यूएसएसडी ट्रांजैक्शंस की फीस 1.50 रुपए है, जिसे सरकार ने 30 दिसंबर, 2016 तक के लिए खत्म कर दिया है।
मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि डिजिटल और कार्ड पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों को फीस में कमी के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय के मुताबिक, ‘सरकारी बैंक में आईएमपीएस और यूपीआई ट्रांजैक्शंस का कोई चार्ज नहीं होगा।’