रूद्रपुर, 14 जुलाई : जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल ने कहा कि नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर बालगणना की जाये। जिस वार्ड में बाल गणना हो रही है, उस क्षेत्र में अस्थाई निवास करने वाले, कूड़ा बीनने वाले, अनाथ मलिन बस्तियों में रहने वाले एवं श्रमिक परिवारों के बच्चों को अवश्य शामिल किया जाए। साथ ही विकलांग से ग्रसित बच्चों को विकलांग के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित कर अंकित किया जाए।
जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल ने की बाल गणना स्टीयरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जिला शिक्षा अधिकारी व उप शिक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी। इस कार्य के लिए प्राथमिक शिक्षकों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्री, साक्षर भारत के प्रेरक मा.वि. के शिक्षकों को भी लगाया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा सभी सूचनाओं के साथ-साथ अभिभावक का मोबाइल नम्बर, बच्चे का आधार नम्बर व टीकाकरण की स्थिति का भी पता किया जाए। इस कार्य के लिए दस घरों में सर्वे करने के लिए उप शिक्षा अधिकारियों को निर्देर्शित किया गया। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष से 18 वर्ष तक के सभी बच्चो की बाल गणना की जायेगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, एडीएम प्रताप सिंह शाह, जिला शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह, अशोक गुसाई, जिला पूर्ति अधिकारी श्याम आर्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा, उप जिला शिक्षा अधिकारी डा. गुंजन, सौनी मेहरा, सुषमा, वंदना रौतेला, रवि मेहता सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।