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अब नैनीताल में बड़ी बसें होंगी प्रतिबंधित

देहरादून, 09 मई = पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं के कारण स्थानीय व्यवस्थाएं आवश्यक हो गई हैं। दिल्ली, मुंबई तथा दक्षिणी भारत से आने वाले यात्रियों के साथ कई बार बड़ी बसें आ जाती है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होती हैं। यात्रा के दौरान इन बड़ी बसों पर प्रतिबंध लगाने का उच्चन्यायालय नैनीताल ने निर्णय लिया है।

यात्रा के दौरान केवल 35 सीटों वाली बसों को ही नैनीताल पहुंचने दिया जाएगा। न्यायालय के निर्णय के बाद प्रशासन ने यह तय किया है कि सरोवर नगरी नैनीताल में आगामी 15 मई से 55 सीटर बस के आने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। केवल 35 सीटर वाली बसों को ही आने दिया जाएगा। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि एसएसपी ने नैनीताल में यातायात और पार्किंग से संबंधित आख्या उच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर यह जानकारी दी है।

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उन्होंने इसी संदर्भ में नई यातायात व्यवस्था की भी जानकारी दी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा प्रस्तुत नई यातायात व्यवस्था के अनुसार काठगोदाम और कालाढूंगी से नैनीताल आने वाली बड़ी बसों को रोका जाएगा। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति यू.सी.ध्यानी की खंडपीठ ने की,जबकि सी बारे में नैनीताल निवासी प्रो.अजय रावत ने उच्च न्यायालय नैनीताल में जनहित याचिका दायर कर नैनीताल शहर की सुन्दरता व नैनीझील को बचाने की अपील की थी।

न्यायालय द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर ने भी बताया गया कि नैनीताल में बड़े वाहन आते हैं,जो यातायात को बाधित करते हैं। इस संबंध में सुनवाई के दौरान डी.एम. एस.एस.पी.और अन्य अधिकारी कोर्ट में पेश हुए। एस.एस.पी. ने ट्रैफिक प्लान पेश कर कोर्ट को बताया कि कैंट में टूटा पहाड़ से कैलाखान तक के क्षेत्र में पार्किंग का प्रस्ताव है,जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। नई व्यवस्था के अनुसार 15 मई से 55 सीटर बस के आने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और केवल 35 सीटर वाली बसों को ही आने दिया जाएगा। पक्षों की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 जून की तिथि नियत की।

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