अब आधार सत्यापन के लिए चेहरे की पहचान होगी जरूरी, 15 सितंबर से…..
दिल्ली. यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथारिटी आफ इंडिया (UIDAI) ने आधार की सुरक्षा की तरफ एक कदम और उठाया है. आधार के किसी भी इस्तेमाल के लिए अब चेहरे की पहचान होना भी जरूरी होगा. नए सिम, बैंक आदि में पहचान पत्र के तौर पर दिए जाने वाले आधार के साथ यह नया फीचर भी लागू होने वाला है. फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन के अलावा चेहरा मिलान एक एडिशनल फीचर होगा. यूआईडीएआई का कहना है कि यह फीचर आधार को सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर प्रदान करता है. यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब कुछ बुजुर्गों के उम्र की वजह से फिंगर प्रिंट मिट गए और उन्हें आधार सत्यापन से बाहर कर दिया गया. नया फीचर ऐसी परेशानियों में भी मददगार साबित होगा.
किन सेवाओं के लिए जरूरी होगा चेहरे की पहचान?
नए और डुप्लीकेट सिम कार्ड्स, बैंक में आधार वेरिफिकेशन, पीडीएस राशन की दूकानों, सरकारी आफिस में अटेंडेंस जैसी अहम चीजों के लिए चेहरे की पहचान जरूरी होगी. जब भी कोई शख्स वेरिफिकेशन के लिए आधार का प्रयोग करेगा तो चेहरे की पहचान की प्रक्रिया हर बार जरूरी होगी. यह प्रक्रिया फिलहाल केवल नए सिम के लिए जरूरी होगी. 15 सितंबर से कम से कम 10 फीसदी आथेन्टिकेशन चेहरे की पहचान के जरिये किए जाएंगे.
उम्र के कारण, बाल के बड़े होने या हेयरस्टाइल बदलने के कारण, शेविंग करने के कारण चेहरे की पहचान पर कोई असर पड़ने के सवाल पर यूआईडीएआई ने साफ किया कि आथेंटिकेशन का सिस्टम इतना प्रभावी है कि सामान्य बदलाव से चेहरे की पहचान पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यूआईडीएआई के एक पत्र के अनुसार 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कम्पनियों को महीने में कम से कम 10 प्रतिशत सत्यापन चेहरे का लाइव (सीधे) फोटो से मिलान करके करना अनिवार्य होगा. इस प्रकार का सत्यापन इससे कम अनुपात में हुआ तो प्रति सत्यापन 20 पैसे का जुर्माना लगाया जाएगा. यहां उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जून में हैदराबाद के एक मोबाइल सिम कार्ड वितरक ने आधार ब्योरे में गड़बड़ी कर हजारों की संख्या में सिम एक्विटवेट किए थे. यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने कहा कि लाइव फेस फोटो को ईकेवाईसी फोटो से मिलाने का निर्देश सिर्फ उन्हीं मामलों में जरूरी होगा, जिनमें सिम जारी करने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है.
दूरसंचार विभाग के निर्देशानुसार यदि सिम आधार के अलावा किसी अन्य तरीके से जारी किया जाता है, तो ये निर्देश लागू नहीं होंगे. यूआईडीएआई ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी. इसके तहत मोबाइल सिम कार्ड के लिए आवेदन के साथ लगाए गए फोटो की पहचान संबंधित व्यक्ति के सामने लिए गए फोटो से की जाएगी. यूआईडीएआई ने इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कम्पनियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव किया है. यूआईडीएआई ने कहा कि दूरसंचार कम्पनियों के अलावा अन्य सत्यापन एजेंसियों के लिए चेहरा पहचानने की सुविधा के क्रियान्वयन के बारे में निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे.