अपने कर्मो और कांग्रेस के कार्यकर्ताओ की नाराजगी से हारे राजेन्द्र गावित .
राजेन्द्र गावित पालघर उपचुनाव समीक्षा भाग…..1
पालघर :=पालघर में 13 फ़रवरी को हुए उप चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मंत्री राजेन्द्र गावित को अपने ही कर्मो और पार्टी के कार्यकर्ताओ के नाराजगी के कारण हार का सामना करना पड़ा है . अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेतावो को गावित द्वारा किये जा रहे पक्ष विरोधी कामो को लेकर करना पड़ेगा चिंतन .
नंदुरबाग़ से आकर राजेन्द्र गावित ने पहली बार 2004 में पालघर विधान सभा सिट से कांग्रेस से चुनाव लड़ा था . लेकिन वह शिवसेना से यह चुनाव हार गए थे इस चुनाव में कांग्रेस के कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों की मेहनत के कारण गावित को 35000 हजार वोट मिले थे , लेकिन 2009 में शिवसेना की बिधायिका मनीषा निमकर के काम काज को लेकर, शिवसेना जिला अध्यक्ष उदयबंधू व शिवसैनिको में चल रहे मतभेद व निमकर की उम्मीदवारी के विरोध का वावजूद भी शिवसेना द्वारा मनीषा निमकर को फिर से उम्मीदवारी मिलने के कारण उदयबंधू पाटिल कुछ शिवसेना के पदाधिकारियों और शिवसैनिको के साथ शिवसेना से वागावत करते हुए शंकरनम को अपना उम्मीदवार घोषित करके शिवसेना के खिलाफ चुनाव लड़ा था. जिसके कारण इस चुनाव में शिवसेना को हार का सामना करना पड़ा . और जिसका फायदा उठाते हुए गावित पहली बार कांग्रेस से यह चुनाव जित गए .वही महाराष्ट कांग्रेस पक्ष में मुख्यमंत्री पद को लेकर राज्य में चल रही राजनितिक उथल पुथल के कारण पृथ्वीराज चव्हान को मुख्य मंत्री बनते का मौका मिल गया .जिसके बाद पृथ्वीराज चव्हान ने ठाणे जिला ग्रामीण में कांग्रेस पक्ष की ताकत को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र से कांग्रेस के अकेले विधायक राजेन्द्र गावित को अपने कोटे से राज्य मंत्री बनाकर उनके कंधे पर पक्ष बढ़ाने की जिम्मेदारी सौपी . लेकिन कांग्रेस के नाराज नेतावो का कहना है की गावित कांग्रेस को बढ़ाने के वजाय पक्ष से दो दो हाथ करते हुए और कांग्रेस पक्ष के वरिष्ठ नेताओ को अपनी चिकनी चुपड़ी बातो में फसा कर खुद का विकास किया जिसके कारण कांग्रेस के पुराने पदाधिकारी .और कार्यकर्त्ता जिन्हों ने कांग्रेस पक्ष को बढ़ाने में अपनी पूरी जिंदगी की कुर्वानी दी थी उनका कांग्रेस पक्ष से मोह भंग हो गया और वह पक्ष के काम काज से नाराज चलने लगे .जिसके कारण गावित को 2014 में हार का सामना करना पड़ा और अपनी कमियों को छिपाते हुए अपने वरिष्ठ नेतावो से इस हार को मोदी लहर बताने लगे और इसी कारण इस चुनाव में भी पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हान ,पूर्व मुख्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हान,बिधायक भाई जगताप ,पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह , पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान , नारायण राणे व कांग्रेस अन्य दर्जनों वरिष्ठ नेताओ द्वारा इस चुनाव में अपनी – अपनी पूरी ताकत झोकने के बावजूद भी गावित को इस बार भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा ,यह हार कांग्रेस पक्ष का नहीं है यह हार गावित के कर्मो का है जिन्हों ने पालघर में कांग्रेस को अपनी प्राईवेट लि .कंपनी समझ लिया था अगर कांग्रेस को अब इस सिट से अगर दुबारा चुनाव जितना है तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ को गावित को लेकर गंभीरता से आत्ममंथन करने की जरुरत है .
गावित के वोट बढ़ाने में एनसीपी की रही अहम भूमिका .
इस चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी दोनों मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमे इस क्षेत्र के एनसीपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व मंत्री राजेन्द्र गावित को जिताने के लिए रात दिन कड़ी मेहनत करते नजर आये जिसके कारण गावित को 2014 में हुए विधान सभा चुनाव से ज्यदा वोट मिले .लेकिन व्हाटशाप पर अपना एक वीडियो डालकर गावित इन वोटो का श्रेय अकेले लेते नजर आरहे है .