विकास दुबे की गिरफ्तारी पर प्रियंका बोलीं, उप्र सरकार फेल हुई साबित
लखनऊ। कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे की गुरुवार को उज्जैन से हुई गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ने लगा है। कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले में योगी सरकार को पूरी तरह से फेल बताया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में सख्त नाकाबंदी होने के बावजूद विकास के मध्य प्रदेश पहुंचने में मिलीभगत के भी आरोप लगाये।
प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट किया कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। उन्होंने कहा कि अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
प्रियंका ने कहा कि तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं। यूपी सरकार को मामले की सीबीआई जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगजाहिर करना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उज्जैन पुलिस को बधाई देने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार हो और बेशर्मी न हो ये कैसे संभव हो सकता है। अपराधी मप्र में घुसता है,फोटो शूट कराता है तब मप्र पुलिस कहां रहती है? अपराधी गार्ड से अपनी पहचान बताता है और तब पुलिस आती है।
उन्होंने कहा कि अपराधी की उप्र से मप्र की यात्रा से प्रतीत होता है कि भाजपा सरकारों में उसकी भारी पैठ है। अजय लल्लू ने विकास दुबे की मन्दिर परिसर की तस्वीर भी अपलोड की है।
जबकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकांउट से मामले को लेकर कहा गया कि आप घटनाक्रम से जुड़े कुछ तथ्य समझिए। विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ। नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश के गृह मंत्री है।नरोत्तम मिश्रा उज्जैन के प्रभारी मंत्री हैं। नरोत्तम मिश्रा कानपुर चुनाव में प्रभारी थे। विकास दुबे कानपुर का रहने वाला है।
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले पर योगी सरकार से सवाल किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। इसके साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके। (एजेंसी, हि.स.)