उप्र : कुशीनगर में लॉकडाउन ध्वस्त, अधिकारी बेपरवाह
कुशीनगर । कुशीनगर में कोरोना वायरस के प्रकोप के शुरुआती दौर में दिखी प्रशासनिक मुस्तैदी अब गायब हो चली है। अब जब देश में वायरस का प्रकोप थर्ड फेज में पहुंच गया है, ऐसे में प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।
सप्ताह भीतर न केवल सड़कों पर आवागमन बढ़ा है बल्कि गली मोहल्लों में चौपाल भी बैठने लगी है। यूं कह लीजिए लाकडाऊन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई हैं। दूसरी ओर जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि यदि लोग बेपरवाह हुए तो सख्ती तो की ही जाएगी सुबह की छूट को भी सीमित किया जाएगा।
लॉकडाउन की सबसे खराब हालत सुबह में हो रही है। लोग इस दौरान मिली छूट का दुरुपयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है। घनी आबादी वाले मोहल्ले ब्रह्मस्थान, रामकोला रोड का बस स्टेशन मोड़, जैन बिल्डिंग के सामने का मुख्य मार्ग, गोलाबाजार तो सुबह में मछली बाजार हो जा रहा है। ठेले पर सब्जी फल और अन्य खाद्य पदार्थ बेचने वालों के ठेले एक जगह ही लग रहे है। जिससे एकत्रित भीड़ के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। सड़कों पर बेवजह घूमने वालों की तादाद बढ़ी है।
यही हाल आवागमन को भी लेकर है। नेशनल हाइवे, कुशीनगर रोड, सपहा रोड पर फर्राटे भरते बाइक व चार पहिया वाहनों की भीड़ बढ़ी है। मीट मछली की दुकानें खुल तो नही रही किंतु अंदरखाने से सब बिक रहा है। पुलिस भी अब चौराहों तक सीमित हो गई है वो भी होमगार्डों के भरोसे है। चौराहे पर से गुजरते वाहन रोकने पर भी नजरअंदाज कर निकल ले रहे है या बैक डोर से निकल जा रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञ थर्ड फेज में किसी प्रकार की लापरवाही को खतरनाक बता रहे है।
चिकित्सक डॉ. जीपी राय के अनुसार लाकडाऊन का अभी और कड़ाई से पालन करने की जरूरत है। वायरस थर्ड फेज में आ गया है। भले ही हमारा जिला वायरस के प्रकोप से अभी अछूता है, पर लापरवाही उसको आमंत्रण देने जैसा है। इस नाते प्रशासन लॉकडाउन का पालन कराए ही , लोग भी एहतियात बरते, बहुत जरूरी हो तभी घरों से निकले। इस सम्बंध में जिलाधिकारी भूपेश एस चौधरी ने बताया कि वह समीक्षा कर रहे हैं। लापरवाही अक्षम्य है। सख्ती की जायेगी, जरूरत पड़ी तो छूट के घण्टे भी कम किये जायेंगे।