बेरोजगारी और धीमी आर्थिक विकास से खाड़ी के कई देशों में अशांति
नई दिल्ली/दुबई । सुस्त आर्थिक वृद्धि और बेरोजगारी की वजह से खाड़ी के कई देशों में सामाजिक तनाव और अशांति बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह बात सोमवार को कही।
आईएमएफ की क्षेत्रीय आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अशांति की वजह से पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र (मेना) की वृद्धि दर बाधित हुई है। इसके अलावा वैश्विक व्यापार तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और ब्रेक्जिट की प्रक्रिया भी सही तरीके से नहीं होने की वजह से भी इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी है।
उल्लेखनीय है कि इसी महीने आईएमएफ ने 2019 के लिए इस क्षेत्र की वृद्धि दर के अनुमान को भी घटा दिया था। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने खाड़ी देशों और ईरान की वृद्धि दर का अनुमान पिछले साल के 1.1 फीसदी से घटाकर मात्र 0.1 फीसदी कर दिया था।
आईएमएफ ने इस क्षेत्र की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं-सऊदी अरब, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है। आईएमएफ के पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के निदेशक जिहाद अजूर ने कहा कि क्षेत्र के इन देशों की वृद्धि दर इतनी कम है कि इससे बेरोजगारी की समस्या से निपटना मुश्किल है। साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र में युवाओं के स्तर पर बेरोजगारी की दर 25 से 30 फीसदी है। एजेंसी हिस