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सुशांत की मौत की जांच भटकी सीबीआई जांच पर परिजनों ने जताई निराशा

मुंबई-बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत की जांच अब पूरी तरह से भटक गई है. एक्टर के परिजनों ने इस बात पर निराशा जताई है.

राजपूत परिवार के वकील विकास सिंह ने एक बयान जारी कर कहा है कि सीबीआई ने इस मामले की जांच यह पता लगाने के लिए शुरू की थी कि एक्टर ने खुद सुसाइड किया था या फिर उनकी हत्या की गई थी.

उन्होंने कहा कि अब तक सीबीआई ने इस बारे में कोई खुलासा नहीं किया है. सिंह ने कहा कि इस मामले में ड्रग्स का मामला आने के बाद जांच पूरी तरह से पटरी से उतर कर गई है. सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियों का मकसद सुशांत की मौत से जुड़े कारणों का पता लगाना था, लेकिन अब जहां इस मामले पर सीबीआई ने चुप्पी साध ली है, वहीं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी ) की जांच बॉलीवुड में ड्रग्स के कारोबार पर फोकस हो गई है. वकील सिंह ने कहा है कि देश के लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर सुशांत की मौत की वास्तविक वजह क्या है, लेकिन इस मामले के तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है , लेकिन अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है.

सुसाइड, मर्डर व ड्रग्स का कॉकटेल

14 जून को सुशांत की मौत के बाद इसकी जांच मुंबई पुलिस ने शुरू की थी. मुंबई पुलिस ने इस मामले में बॉलीवुड में व्याप्त भाई – भतीजावाद के एंगल से यशराज फिल्म के आदित्य चोपड़ा, निर्देशक संजय लीला भंसाली व महेश भट्ट समेत 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की थी. हालांकि बाद में सुशांत के पिता के. के.सिंह ने मुंबई पुलिस की जांच की नाराजगी जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी गई है. सुशांत के परिजनों को उम्मीद थी कि सीबीआई जांच से एक्टर की मौत की सच्चाई सामने आएगी , लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी अभी तक किसी भी नतीजे पर पहुंचने में नाकाम रही है. इस वजह से राजपूत परिवार काफी मायूस है.
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क्या सुशांत मामले पर हुई राजनीति

कई लोगों का आरोप है कि एक्टर सुशांत मामले पर उनके परिवार को न्याय दिलाने के नाम पर इस मौके का राजनीतिक इस्तेमाल किया गया है. विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस व शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के बीच हुई मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण की चर्चा जोरों पर है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना व बीजेपी अपने पुराने गठबंधन को फिर से पुनर्जीवित करने की तैयारी में है. सुशांत मामले में मुंबई पुलिस की जांच को लेकर फडणवीस ने सवाल खड़े किए थे.

क्या शिवसेना पर है दवाब

बीजेपी सांसद नारायण राणे ने भी सुशांत मामले में आदित्य ठाकरे का नाम लिए बिना शिवसेना के युवा नेता पर निशाना साधा था. ऐसे में जानकारों का कहना है कि शिवसेना पर राजनीतिक दवाब बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सवाल किए जा रहे हैं कि कहीं इन सब दवाबों की वजह से राउत ने फडणवीस से मुलाक़ात तो नहीं की है.
यदि सरकार बदली तो जांच मुश्किल है .

राजपूत परिवार के वकील विकास सिंह ने कहा कि यदि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में सरकार बदलती है तो एक्टर की मौत की जांच और मुश्किल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले का राजनीतिक इस्तेमाल न कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए पहल करनी चाहिए.

पांडे ने थामा नीतीश का हाथ

सुशांत मामले पर बिहार में जोर –शोर से आवाज उठाने वाले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने भी अपनी नौकरी से वीआरएस लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल ( यूनाइटेड ) को ज्वाइन कर लिया है. इस बात की पूरी संभावना है कि पांडे बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं.

सुशांत बिहार के रहने वाले थे. उनकी मौत को लेकर बिहार में संवेदना की लहर है. माना जा रहा है कि पांडे को एक्टर के परिवार के पक्ष में आवाज बुलंद करने का राजनीतिक फायदा मिल सकता है.ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सुशांत का मामला राजनीति के भेंट चढ़ जाएगा.

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