एक लाख 31 हजार गन्ना मजदूरों को मिली मूल गांव लौटने की अनुमति
मुंबई । महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने शनिवार को बताया कि राज्य के 1.31 लाख गन्ना मजदूरों को उनके मूल गांव जाने की अनुमति दिए जाने का निर्णय लिया गया है। यह सभी मजदूर सूबे के 38 शक्कर कारखानों व आसपास के क्षेत्रों में काम करते हैं। लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ने के बाद सभी मजदूर रिलीफ केंद्रों में रहने के लिए अभिशप्त हैं।
धनंजय मुंडे ने कहा कि कोरोना की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था। उस समय इन मजदूरों की देखरेख व रहने खाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी शक्कर कारखाना मालिकों पर सौंपी गई थी। लॉकडाउन की अवधि फिर से बढ़ाई जाने के बाद हर क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों में असंतोष देखने को मिल रही है। इसी वजह से गन्ना कामगारों के बारे में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इन सभी गन्ना कामगारों को सकुशल उनके गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी गन्ना कारखाना मालिकों की ही रहेगी। कारखाना मालिकों को ही वाहन व्यवस्था कर इन मजदूरों को उनके मूल गांव पहुंचाना है। संबंधित जिलाधिकारी की देखरेख में गन्ना मजदूरों को उनके गांव पहुंचाया जाएगा। धनंजय मुंडे ने बताया कि इस तरह का शासनादेश शनिवार को जारी किया गया है।