25 विदेशी दूतों का दूसरा जत्था जायजा लेने पहुंचा जम्मू-कश्मीर
श्रीनगर । केन्द्र शासित जम्मू-कश्मीर के हालात विशेषकर कश्मीर घाटी की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने बुधवार को यूरोपीय संघ के 25 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर पहुंच गया है और उसने सामाजिक, राजनीतिक, मजहबी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करने का सिलसिला शुरू किया है। कश्मीर पहुंचे यूरोपियन सांसद कड़ी सुरक्षा के बीच घाटी की वर्तमान स्थिति का जायजा ले रहे हैं। कश्मीर की कुछ महिला पत्रकार भी यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ मिलेंगी और अपना पक्ष रखते हुए उन्हें पाकिस्तान व जिहादी तत्वों की साजिशों से अवगत कराएंगी।
इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। यूरोपीय संघ के सांसदों की मौजूदगी में आतंकियों द्वारा किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिए जाने की आशंका के चलते पूरी घाटी में विशेषकर श्रीनगर, बारामुला और बडगाम में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। जिस स्थान पर विदेशी सांसदों को ठहराया गया है उस तरफ आने-जाने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया गया है। डल झील में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। वॉटर विंग द्वारा लगातार झील में गश्त की जा रही है। सभी सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी आतंकी मंसूबे को पूरी तरह नाकाम बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में विदेशी राजनियकों का यह तीसरा और यूरोपीय संघ में शामिल देशों के प्रतिनिधियों का यह दूसरा दौरा है। यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों का पहला दल अक्टूबर 2019 में कश्मीर आया था। उस समय इस दौरे को यूरोपीय संघ का अनाधिकृत दौरा कहा गया था। इसके बाद जनवरी 2020 में संयुक्त राज्य अमरीका के नेतृत्व में दक्षिण कोरिया, मोरक्को, नाइजीरिया, गुआना, अर्जेंटीना, नार्वे, फिलपींस, मालदीव, टोगो, फिजी, पेरू, बांग्लादेश और वियतनाम सहित 15 मुल्कों के दिल्ली स्थित राजदूतों ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया।